
हिमाचल प्रदेश के लगभग 19.65 लाख राशनकार्ड धारकों को अब डिपुओं में राशन मोबाइल फेस स्कैन के माध्यम से मिलेगा। जो उपभोक्ता चलने-फिरने में असमर्थ हैं, उनको डिपो धारक घर जाकर मोबाइल स्कैन कर राशन देंगे। शुक्रवार से प्रदेश भर में नई व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। पहले जहां फिंगर प्रिंट और ओटीपी के जरिये राशन वितरण होता था, वहीं अब उपभोक्ता के चेहरे की पहचान के बाद ही उसे राशन मिल पाएगा। इससे पहले कई बार फिंगर प्रिंट मशीन से मिलान न होने या मोबाइल नंबर आधार से लिंक न होने के कारण उपभोक्ताओं को डिपुओं में घंटों इंतजार करना पड़ता था। कई बार मोबाइल न होने या ओटीपी न आने की समस्या भी सामने आती थी।
इन तमाम तकनीकी अड़चनों को देखते हुए अब सरकार ने तीसरे और सुरक्षित विकल्प के रूप में मोबाइल फेस स्कैन प्रणाली लागू की है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने डिपो संचालकों के मोबाइल फोन को राशन वितरण मशीनों से जोड़ दिया है। अब उपभोक्ता का चेहरा स्कैन करने के बाद ही उसे राशन मिलेगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राशन केवल पात्र व्यक्ति को ही मिले। बिलासपुर में इस प्रणाली को एक सप्ताह पहले से ही पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू कर दिया गया था। जिले के 1.14 लाख राशन कार्ड धारकों को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है। जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रण अधिकारी ब्रिजेन्द्र सिंह पठानिया ने बताया कि यह सुविधा पिछले सप्ताह से बिलासपुर में सफलतापूर्वक चल रही है।
तीन-चार दिन में दूर होंगी तकनीकी दिक्कतें
राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने बताया कि शुक्रवार से प्रदेशभर में यह प्रणाली लागू कर दी गई है। शुरुआत में कुछ स्थानों पर तकनीकी समस्याएं आ सकती हैं, लेकिन तीन-चार दिन में व्यवस्था सुचारू रूप से चलने लगेगी।