हिमाचल प्रदेश में आज फिर भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मंडी, कांगड़ा और सिरमौर में भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान है। सात जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पांच जिलों में बाढ़ की आशंका है। मंडी जिले में एक बार फिर से बादल फटा है। चौहारघाटी सिल्हबुधानी के कोरतंग में भारी नुकसान हुआ है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक बार फिर बादल फटने से तबाही मची है। चौहारघाटी सिल्हबुधानी के कोरतंग में देर रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है, लेकिन जानमाल को नुकसान नहीं है। बीते सोमवार की रात मंडी में कई जगह बादल फटने से हुई तबाही के जख्मों के बीच हिमाचल में रविवार को फिर से भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने मंडी, कांगड़ा और सिरमौर में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।
सात जिलों ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला और सोलन के लिए ऑरेंज अलर्ट है। जबकि कांगड़ा, चंबा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिले के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 7-8 जुलाई को पूरे प्रदेश में ऑरेंज और 9 जुलाई को येलो अलर्ट जारी किया गया है। शनिवार को कांगड़ा समेत प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश हुई।
इसी बीच, नादौन और कांगड़ा में दो शव मिले हैं। नादौन में ब्यास नदी के किनारे बटाली क्षेत्र में मिले शव की पहचान मंडी के पंगलियुर (सैंज) निवासी 30 वर्षीय इंद्रदेव के रूप में हुई है। एक और शव की शिनाख्त होने के बाद मंडी जिले में प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या 18 हो गई है।
शनिवार सुबह बारिश के चलते दिल्ली और चंडीगढ़ से कोई भी फ्लाइट गगल एयरपोर्ट नहीं पहुंची। चारों फ्लाइटें रद्द रहीं। इसमें इंडिगो की एक दिल्ली और एक चंडीगढ़ से फ्लाइट। वहीं, स्पाइस जेट की दो फ्लाइटें दिल्ली से नहीं आई।
उधर, बारिश और भूस्खलन के चलते प्रदेश में अभी 239 सड़कें, 258 ट्रांसफॉर्मर व 289 पेयजल स्कीमें ठप हैं। सर्वाधिक 176 सड़कें मंडी जिले में अवरुद्ध हैं। इनमें सराज में 85 सड़कें बंद हैं। प्रदेश में मानसून सीजन में अब तक 72 लोगों की जान गई है। 566.87 करोड़ का नुकसान आंका जा चुका है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि मौसम विभाग ने रविवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। राज्य सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि मंडी जिले में आपदा प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद की जा रही है।
शनिवार को शिमला में मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि प्रभावितों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने के आवश्यक दिशा- निर्देश दिए गए हैं। वह स्वयं लगातार जिला प्रशासन से संपर्क में हैं। जहां सड़कें टूटी हैं, वहां खच्चरों पर खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है।
कुछ सड़कें बहाल कर दी गई हैं, जिससे राहत कार्यों में तेजी आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रभावितों को हर महीने 5,000 रुपये मासिक किराया देने का फैसला लिया है।
उन्होंने सराज क्षेत्र के लोगों से आग्रह किया है कि जिनके मकान सुरक्षित हैं, वे अतिरिक्त कमरों को प्रभावित परिवारों को किराये पर देने के लिए आगे आएं। मंडी जिले के आपदा प्रभावित परिवारों को अब तक 1,317 खाद्य सामग्री किट वितरित कर दी गई है।
वहीं, आपदा प्रभावित मंडी के सराज, थुनाग समेत अन्य जगह शनिवार को भी सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस-प्रशासन का राहत व बचाव अभियान जारी रहा। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के 250 जवान तैनात किए गए हैं।
प्रभावित क्षेत्रों में दो हेलिकाप्टरों से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। सराज क्षेत्र में अब राहत और बचाव कार्यों में तेजी आई है। सेना के जवान दलदल भरे रास्तों में मोर्चा संभाले हुए हैं। थुनाग में दूरसंचार सेवाएं बहाल हो गई हैं। कुछ जगहों में बिजली सुविधा भी मिलना शुरू हो गई। थुनाग के साथ जंजैहली में राशन भी पहुंचना शुरू हो गया है।
मंडी जंजैहली मार्ग को थुनाग होकर लंबाथाच तक बहाल कर लिया गया है। राशन किट रैनगलू तक पहुंचाई जा रही हैं। शनिवार को दो गर्भवती महिलाओं को जंजैहली से पैदल व गाड़ी से करसोग पहुंचाया गया है। करीब आठ से दस किमी पालकी में बिठाकर सफर तय किया।
मंडी के सराज में बादल फटने से सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है। इस बारे में बात करते हुए दिनेश नाम के एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि बहुत नुकसान हुआ है। हमने बगीचे में एक हजार पौधे लगाए थे, जो भी नष्ट हो गए। इस साल कुछ पौधे 25 साल पुराने थे, और हमने अन्य छोटे पौधे भी लगाए थे, लेकिन वे खत्म हो गए। हमारा परिवार सुरक्षित और स्वस्थ है। सब कुछ ठीक है, और जानवर भी सुरक्षित हैं।