हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला की वेबसाइट पर साइबर अटैक, यूआरएल किया डायवर्ट; जांच शुरू

Spread the love

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की मुख्य वेबसाइट को पाकिस्तानी हैकर्स ने हैक कर लिया। वहीं, साइट पर अभद्र टिप्पणियां की गई थी।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) की वेबसाइट पर साइबर अटैक का मामला सामने आया है। सोमवार शाम चार बजे विश्वविद्यालय की मुख्य वेबसाइट hpuniv.ac.in को खोलने पर उसमें पाकिस्तान के समर्थन और भारत के विरोध में अभद्र टिप्पणियां और फोटो नजर आईं। इसकी सूचना मिलते ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने हरकत में आते हुए साइट बंद कर मेंटेनेंस मोड में डाल दी है। वहीं साइबर क्राइम सेल ने मामले में संज्ञान लेते हुए इस संबंध में जांच शुरू कर दी है।

साइबर क्राइम सेल के अधिकारियों ने विवि के अधिकारियों से बातचीत कर स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की। सेल की मीटिगेशन टीम मामले की गहनता से पड़ताल करेगी। वेबसाइट पर साइबर अटैक होने की वजह से प्रदेशभर के विद्यार्थियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं विवि के वेबसाइट इंचार्ज शशि डोगरा ने माना कि वेबसाइट के साथ छेड़छाड़ हुई है। इन दिनों शिक्षण संस्थानों की वेबसाइट के साथ छेड़छाड़ की शिकायतें मिल रही हैं। इसमें यूआरएल को बदल दिया गया है। इससे वेबसाइट को यूज करने वाला संस्थान की साइट पर न जाकर हैकर द्वारा डाले गए यूआरएएल एड्रेस पर ले जाकर अपने मैसेज डाल देते हैं। फिलहाल वेबसाइट को बंद कर दिया गया है।

शाम साढ़े सात बजे तक विवि की इस मुख्य वेबसाइट पर अंडर मेटेंनेस सॉरी फाॅर इनकनविनियस का मैसेज प्रदर्शित हो रहा है। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर साइबर अटैक होने से पीजी डिग्री कोर्स की चल रहीं प्रवेश व काउंसलिंग की प्रक्रिया का अपडेट लेने वाले प्रदेशभर के हजारों विद्यार्थियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इन दिनों विश्वविद्यालय में प्रवेश मेरिट, काउंसलिंग का शेड्यूल और नए सत्र के शुरू होने पर जारी होने वाली जानकारियों के लिए भी छात्र नियमित साइट को खोलते हैं।

साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के बाद साइबर स्पेस में खतरे की आशंका बढ़ी है। इसको देखते हुए विगत दिनों ( एनआईसी) नेशनल इंफारमेटिक्स सेंटर ने सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों को साइबर स्पेस में खतरे की बढ़ती आशंका को देखते हुए चेतावनी जारी की थी। साथ ही सरकारी संचार को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए भी कहा था। इससे पहले अप्रैल में भी सरकारी वेबसाइटों, एप्लिकेशन और आईसीटी इंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित रखने के लिए एक आपातकालीन सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया था। विशेषज्ञों के अनुसार ज्यादातर साइबर हमलों का मकसद वेबसाइट को बिगाड़ना, डाटा की चोरी करना और नकली ट्रैफिक से वेबसाइट को बंद करना होता है।

साइबर हमलों से बचने के लिए बरतें सावधानियां

समय-समय पर पासवर्ड बदलें।

मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड का इस्तेमाल करें।

संदिग्ध या स्पेम ईमेल से सावधान रहें।

नेटवर्क से बिना पहचान वाले लेन नेटवर्क डिवाइस को हटाएं

सभी कंप्यूटर और डिवाइस के ऑपरेटिंग सिस्टम को लेटेस्ट वर्जन में अपडेट करें

सरकारी कर्मचारी ई-ऑफिस की सुरक्षा के लिए वीपीएन एक्सेस प्रोटोकॉल का पालन करें।

फोन/कंप्यूटर पर क्रेडेंशियल स्टोर न करें और थर्ड पार्टी मैसेजिंग एप और ईमेल से संवेदनशील जानकारी शेयर न करें।

    विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर साइबर हमला होने की सूचना मिली है। विवि के संबंधित अधिकारियों के साथ संपर्क करके मामले की जानकारी जुटाई गई है। मीटिगेशन टीम मामले की गहनता से जांच करेगी। हाल ही में साइबर अटैक के मामलों में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। इसको देखते हुए सरकारी विभागों, संस्थानों सहित लोगों को अपने सिस्टम को इस तरह के हमलों से बचाने के लिए सिक्योर करने की सलाह दी जाती है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *