सिरमौर; मांगों और समस्याओं को लेकर नाहन में उमड़ा मजदूरों व किसानों का जन सैलाब

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समस्याओं व मांगों को लेकर बुधवार को नाहन में मजदूरों व किसानों का जन सैलाब उमडा। हाथों में मांगों की तख्तियां लिए सैंकड़ों की भीड़ ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान केंद्र सरकार की मजदूर व किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ रोष प्रकट किया गया। संयुक्त ट्रेड यूनियन के आहवाह्न् पर बुधवार को नाहन में जिलाभर से आए सैंकड़ों मजदूर व किसान बस अड्डा नाहन में एकत्रित हुए। इसके बाद बस अड्डा नाहन से उपायुक्त कार्यालय तक विरोध रैली निकाली गई। शहर के विभिन्न हिस्सों से होते हुए रैली में जमकर नारेबाजी की गई। रैली दोपहर के समय उपायुक्त कार्यालय परिसर पहुंची जहां उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा गया। रैली में मजदूर वर्ग ने केंद्र सरकार को चेताया कि अगर लेबर कोड तुरंत निरस्त न किए तो मोदी सरकार को भारी नुकसान झेलने के लिए मानसिक तौर पर तैयार रहना चाहिए। इस दौरान 4 श्रम संहिताओं के खिलाफ खासकर रोष प्रकट किया गया। सीटू जिला महासचिव आशीष कुमार, आंगनबाड़ी यूनियन की राज्य महासचिव वीना शर्मा, निर्माण मजदूर यूनियन के जिला महासचिव राजेश तोमर, मिड डे मील यूनियन के राज्य अध्यक्ष संदीप आदि ने यहां रैली को संबोधित किया। आशीष कुमार ने कहा की मोदी सरकार जबसे सत्ता में आई है लगातार मेहनतकश वर्ग का शोषण हो रहा है। मोदी सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए 44 श्रम कानूनों को खत्म कर मजदूरों को बंधुआ बनाने वाले 4 श्रम संहिताओं को लागु करना चाहती है। आशीष कुमार व वीना शर्मा, राजेश तोमर, संदीप, राजेंद्र ठाकुर आदि ने मांग उठाई कि 26 हजार न्यूनतम वेतन, योजना कर्मियों, आउटसोर्स, ठेका प्रथा, मल्टी टास्क, टेंपररी, कैजुअल, ट्रेनी की जगह नियमित रोजगार देने, मनरेगा बजट में बढ़ोतरी, मनरेगा मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन लागू करने, श्रमिक कल्याण बोर्ड के आर्थिक लाभ सुनिश्चित किया जाए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपदा के समय में हिमाचल सरकार ने भी बोर्डों के अध्यक्षों आदि के वेतन में बढ़ौतरी की है, जो कि शर्मनाक है। ऐसे में प्रदेश में जो मजदूर वर्ग काम कर रहा है उसे भी सम्मानजनक वेतन दिया जाना चाहिए। किसानों ने इस दौरान प्रदेश सरकार से मांग उठाई कि किसानों की जमीन से बेदखली पर तुरंत रोक लगाई जाए। गरीब व सीमांत किसानों की 5 बीघा तक जमीन नियमित की जाए। किसानों के समर्थन में प्रदेश सरकार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में शपथ पत्र दायर किया जाए। गांव के स्तर तक वन अधिकार कानून लागू किया जाए। फैक्टर दो के अनुसार अधिग्रहण की गई भूमि का चार गुना मुआवजा दिया जाए आदि मांगें उठाई गई। इस अवसर पर महासचिव आशीष कुमार, इंटक जिला अध्यक्ष सुभाष शर्मा, आंगनबाड़ी राज्य महासचिव वीना शर्मा, मिड डे मील राज्य अध्यक्ष, निर्माण मजदूर जिला महासचिव राजेश तोमर, हिमाचल किसान सभा के जिला अध्यक्ष सतपाल मान, जिला महासचिव राजेंद्र ठाकुर, जनवादी महिला समिति की जिला अध्यक्ष संतोष कपूर, महासचिव अमिता चौहान सहित सैंकड़ों महिलाएं व कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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