तकनीकी संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन ऑपरेशन, मशीन लर्निंग और डाटा साइंस जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू कर दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत राज्य सरकार की ओर से स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा साइंस जैसे आधुनिक विषय शुरू करने की तैयारी है। इससे बच्चों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन ऑपरेशन, मशीन लर्निंग और डाटा साइंस जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू कर दिए गए हैं। स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म तेजी से विकसित किए जा रहे हैं। स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को सुधारने से लेकर आधुनिक विषयों और डिजिटल लर्निंग टूल्स को शामिल करने तक सरकार हर स्तर पर काम कर रही है। शिक्षकों की उपस्थिति की निगरानी भी अब विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से डिजिटल रूप से की जा रही है।
शिमला से जारी बयान में सीएम ने कहा कि बच्चों की भाषा क्षमता को बचपन से ही बेहतर बनाने के लिए अब सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू की गई है। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण यानी एनएएस 2025 में हिमाचल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देशभर में 5वां स्थान हासिल किया है, वर्ष 2021 में हिमाचल 21वें पायदान पर था। असर रिपोर्ट-2025 में हिमाचल के बच्चों की पढ़ने की क्षमता पूरे देश में बेहतर आंकी गई है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा और हमीरपुर में राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। सरकार ने 500 प्राथमिक स्कूलों, 100 उच्च विद्यालयों, 200 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं, 48 महाविद्यालयों और 2 संस्कृत महाविद्यालयों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस घोषित किया है। डॉ. वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना के तहत विद्यार्थी देश व विदेश में पढ़ाई के लिए एक प्रतिशत ब्याज दर पर 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण प्राप्त कर सकते हैं।