केंद्रीय दल के सदस्यों ने स्याठी गांव, धर्मपुर कॉलेज के पास क्षतिग्रस्त सड़क, कांडापतन में क्षतिग्रस्त पेयजल योजना, क्षतिग्रस्त 33 केवी पावर प्लांट सहित अन्य प्रभावित स्थलों का दौरा किया।
मानसून सीजन में बादल फटने, बाढ़, भूस्खलन के कारण मंडी जिले में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए शनिवार को अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दल मंडी पहुंचा। सात सदस्यीय केंद्रीय दल ने शुक्रवार को धर्मपुर क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। केंद्रीय दल के सदस्यों ने स्याठी गांव, धर्मपुर कॉलेज के पास क्षतिग्रस्त सड़क, कांडापतन में क्षतिग्रस्त पेयजल योजना, क्षतिग्रस्त 33 केवी पावर प्लांट सहित अन्य प्रभावित स्थलों का दौरा किया। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने केंद्रीय दल को धर्मपुर क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में अब तक किए गए राहत एवं पुनर्वास कार्यों के बारे में भी अवगत करवाया। स्थानीय विधायक चंद्रशेखर ने ध्वाली किसान भवन में केंद्रीय दल से क्षेत्र में हुए नुकसान पर चर्चा की।
इस केंद्रीय दल में गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (सीएस एवं पब्लिक, न्यायिक) जी पार्थसारथी, वित्त मंत्रालय के अधीन व्यय विभाग के उप सचिव (एफसीडी) कंदर्प वी पटेल, जल शक्ति मंत्रालय के तहत सीडब्लूसी शिमला के निदेशक वसीम अशरफ, ऊर्जा मंत्रालय के तहत सीईए के उप निदेशक करन सरीन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय शिमला के मुख्य अभियंता एके कुशवाहा, ग्रामीण विकास मंत्रालय से अवर सचिव दीप शेखर सिंघल तथा कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के तहत गेहूं विकास निदेशालय में संयुक्त निदेशक डॉ. विक्रांत सिंह शामिल हैं। यह केंद्रीय दल 20 जुलाई को थुनाग, जंजैहली व करसोग आदि आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का आकलन करेगा। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डॉ. मदन कुमार, एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल, एसडीएम सरकाघाट स्वाति डोगरा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।