हिमाचल प्रदेश में निजी स्कूलों और कॉलेजों के अधिग्रहण पर सरकार ने रोक लगा दी है। मंत्रिमंडल ने सरकारी शिक्षण संस्थानों को मजबूत करने के लिए यह बड़ा फैसला लिया है। सरकार से अनुदान प्राप्त करने वाले कई शिक्षण संस्थानों का हर वर्ष अधिग्रहण होता रहा है। सुक्खू सरकार ने इस व्यवस्था को अब बदल दिया है। निजी स्कूलों-कॉलेजों की जगह सरकार अपने संस्थानों में ही हर सुविधा उपलब्ध करवाएगी। मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर करने के लिए विभागीय अधिकारियों की ओर से प्रस्तुति दी गई। इस दौरान कहा गया कि सरकार से अनुदान प्राप्त करने वाले निजी स्कूलों और काॅलेजों का अधिग्रहण नहीं करना चाहिए। सरकार की ओर से जितना बजट इन निजी शिक्षण संस्थानों पर खर्च किया जाता है, उतनी राशि को सरकारी शिक्षण संस्थानों पर खर्च किया जाए तो सरकारी स्कूल-कॉलेज मजबूत होंगे। बैठक के दाैरान सरकारी स्कूलों में लगातार कम हो रही विद्यार्थियों की संख्या पर चिंता जताई गई। मंत्रिमंडल को बताया गया कि सरकारी स्कूलों में 46 फीसदी और निजी स्कूलों में 44 फीसदी विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। सरकारी स्कूलों को अगर समय रहते मजबूत नहीं किया गया तो यहां विद्यार्थियों की संख्या बहुत कम हो जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि निजी स्कूलों और कॉलेजों का अधिग्रहण करने पर स्टाफ को भी समायोजित करना पड़ता है। सरकार पर यह अतिरिक्त खर्च आ जाता है। इन सभी बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद मंत्रिमंडल ने भविष्य में निजी स्कूलों और कॉलेजों के अधिग्रहण पर रोक लगाने का फैसला लिया।