#कंगाल प्रदेश आर्थिक अकाल की ओर

सोलन : प्रतिमाह लोन लेकर केंद्र सरकार को कोसने वाली हिमाचल सरकार 13 माह में 13000 करोड़ आम जन के विश्वास को उधार रख लोन ले चुकी हैं। प्रवक्ता विवेक शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की इन उपलब्धियों की वजह से कांग्रेस सरकार का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा
उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था परिवर्तन सरकार बताएं “विकसित भारत संकल्प यात्रा” के अंतर्गत कितनी योजनाओं के माध्यम से गरीब वह उपयुक्त पात्रों को प्रदेश सरकार ने लाभार्थी किया,छोटे, मध्यवर्गीय कांट्रैक्टरों से लेकर क्रसना लैब जो स्वास्थ्य क्षेत्र में सेवाएं दे रही है उनकी आज देनदारियां करोड़ में खड़ी हैं। हिम केयर कार्ड से लेकर निगमों बोर्ड के कर्मचारियों की पेंशंन व तनख्वाह लंबित पड़ी है।अपितु केंद्र सरकार को कोसने व दुष्प्रचार का कार्य निरंतर प्रगति पर है।

विवेक ने कहा कि जनता द्वारा चुनी हुई सरकार केवल एक केयर टेकर होती है ना के मालिक माननीय मुख्यमंत्री को यह स्पष्टीकरण देना चाहिए की 13000 करोड़ के ऋण से किन को लाभार्थी बनाया गया व कहां उपयोग किया गया। क्योंकि 2017 में जयराम की सरकार आई थी तो प्रदेश का ऋण 48000 करोड़ था,2022 में जब व्यवस्था परिवर्तन हुआ तो यह ऋण 75000 करोड़ था।
गौर तलब है कि 2 वर्ष कोविड रहने के पश्चात भी भाजपा सरकार ने मात्र 27000 करोड़ का ऋण लिया।
वर्तमान परिवेश में 13 माह में 13000 करोड़ का ऋण जनता के कंधों पर रखना प्रदेश सरकार कि किस उपलब्धि में गिना जाएगा।

उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री बताएं गत एक वर्ष में घरेलू सकल उत्पाद जी.डी.पी दर क्या है और पूर्व में क्या थी।
औद्योगिक इकाइयों से लेकर के अन्य प्रगति कार्य सब निलंबित व पलायन की स्थिति क्यों हैं। हिमाचल प्रदेश की वर्तमान व्यवस्था ने प्रदेश का स्वाभिमान ही समाप्त कर दिया है। वह एक सहयोग राशि पर चलने वाला प्रांत स्थापित कर दिया है ना प्रगति है ना उन्नति है ना संसाधन है बस सदैव सहयोग की अपेक्षा व आलोचना प्रदेश सरकार का सिद्धांत हो गया है। ऐसे में केंद्र सरकार को कोसकर आप प्रदेश की जनता को मूर्ख नहीं बना सकते।आपको अपनी विफलताओं का सामना करना पड़ेगा

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