
पीरियड आधारित गेस्ट शिक्षकों की तैनाती को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बड़ा बयान दिया है।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में पीरियड आधारित गेस्ट शिक्षकों की तैनाती को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने भर्ती पर विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि गेस्ट फैकल्टी का मतलब वे गलत समझ रहे हैं। उन्हें पहले पॉलिसी को समझना चाहिए। पॉलिसी के तहत यदि एक गेस्ट टीचर एक घंटे के लिए पढ़ाता है तो उसे एक घंटे का पैसा मिलेगा। यह कोई वार्षिक या मासिक आधार पर नहीं है।
यदि किसी सरकारी स्कूल में एक सप्ताह तक शिक्षक नहीं आता है तो संबंधित हेस्टमास्टर या प्रिंसिपल को गेस्ट टीचर की मेरिट के आधार पर सेवाएं लेने का अधिकार होगा ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। गेस्ट टीचर को घंटे के हिसाब से पारिश्रमिक दिया जाएगा। घंटे के हिसाब से गेस्ट टीचरों का मानदेय फिक्स किया गया है।
कॉलेजों में नेट/सेट या जेआरएफ क्वालीफाइड अभ्यर्थी गेस्ट टीचर बन सकेंगे। गेस्ट टीचर स्थायी नियुक्तियां नहीं है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बयान पर पलटवार करते हुए सुक्खू ने कहा कि सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम जनमंच नहीं। जन मंच पर पूर्व सरकार ने 36 करोड़ खर्च किए। हमारी सरकार एक पैसा भी इस कार्यक्रम में नहीं लगा रही है।