स्कूलों में नौवीं से बारहवीं कक्षा और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में लोकतंत्र, ईवीएम और मताधिकार को शामिल किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के स्कूल और कॉलेजों में नए शैक्षणिक सत्र से निर्वाचन शिक्षा का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। स्कूलों में नौवीं से बारहवीं कक्षा और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में लोकतंत्र, ईवीएम और मताधिकार को शामिल किया जाएगा। गुरुवार को 14वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर शिक्षा और निर्वाचन विभाग के बीच राजधानी शिमला के गेयटी थियेटर में इस बाबत समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ। शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा सचिव राकेश कंवर तथा मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत हर शिक्षण संस्थान में निर्वाचन साक्षरता को सुनिश्चित बनाया जाएगा ताकि 18 साल की आयु पूर्ण होने पर मतदाता वोट के महत्व को समझ सके और इनरोलमेंट शत प्रतिशत सुनिश्चित हो सके।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की मौजूदगी में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। राज्यपाल ने युवा मतदाताओं से पूर्ण जिम्मेदारी से मतदान करने की अपील की। निर्वाचन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्कूल और कॉलेजों में निर्वाचन साक्षरता क्लब गठित किए जाएंगे। इसके तहत शिक्षण संस्थानों में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर युवाओं का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाएगा।
आयु और कक्षा के हिसाब से विद्यार्थियों को लोकतंत्र के महत्व के बाबत शिक्षा दी जाएगी। ईवीएम किस प्रकार से कार्य करती है। चुनाव आयोग का कार्य क्या होता है। आयोग और निर्वाचन विभाग कैसे काम करते हैं। इन सब विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा कॉलेजों में पढ़ने वाले जिन विद्यार्थियों के वोट बन गए हैं, उन्हें मतदान करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा कि प्रदेश में अधिक से अधिक मतदान सुनिश्चित करने के लिए यह पहल की गई है