मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में विधायक प्राथमिकता बैठकें सोमवार से राज्य सचिवालय में होंगी। इन बैठकों में पहले दिन सात जिलों के विधायक अपनी-अपनी बात रखेंगे।
हिमाचल प्रदेश में पहली बार इलेक्ट्रिक बसों और चार्जिंग स्टेशनों को भी विधायक प्राथमिकता में डाला जाएगा। हर विधायक अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे रूट का ब्योरा देंगे, जिन पर एचआरटीसी की डीजल बस चलती रही हो। अब वास्तविक नई योजनाओं में छह के बजाय पांच योजनाएं ही डलेंगी। सड़कों-पुलों, लघु सिंचाई योजनाओं और ग्रामीण पेयजल व मल निकासी में तीन योजनाएं डाली जाएंगी। विधायक इस बार रखरखाव से संबंधित केवल एक योजना ही डाल पाएंगे। यह वास्तविक नई स्कीम के तहत ही डाली जाएगी। इसके अलावा ऑनगोइंग (चालू) स्कीमों को डालने की प्रक्रिया को भी बंद किया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में विधायक प्राथमिकता बैठकें आज से राज्य सचिवालय में हो रही हैं। बैठक से पूर्व सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि विधायक प्राथमिकता बैठक में विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में बताते हैं। सरकार की ओर से लाई जाने वाली नई योजनाओं पर अपना विचार रखते हैं। निश्चित तौर पर विधायक की प्राथमिकता को बजट में दर्शाने की कोशिश की जाती है। कहा कि सबको साथ मिलाकर प्रदेश को सबसे उत्कृष्ट राज्य बनाने एवं जनहित की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इन बैठकों में पहले दिन सात जिलों के विधायक अपनी-अपनी बात रखेंगे। पहले दिन सुबह 10:00 से डेढ़ बजे के सत्र में ऊना, हमीरपुर और सिरमौर जिलों के विधायक अपनी प्राथमिकताएं बताएंगे। दोपहर बाद के सत्र में 2:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक सोलन, चंबा, बिलासपुर और लाहौल स्पीति के विधायक अपने-अपने क्षेत्रों की प्राथमिकताएं प्रस्तुत करेंगे। अगले दिन 30 जनवरी को कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, शिमला और मंडी जिलों के विधायक दो सत्रों में अपने-अपने हलकों की बात रखेंगे। विधायकों से वित्तीय संसाधन जुटाने और खर्चे घटाने के लिए सुझाव भी लिखित में ही लिए जाएंगे।