मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयोजित राज्य क्रेडिट सेमिनार का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयोजित राज्य क्रेडिट सेमिनार का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बैंक ने राज्य में उपलब्ध संसाधनों और बैंकिंग ढांचे के आधार पर वर्ष 2024-25 के लिए कृषि और संबद्ध गतिविधियों, एमएसएमई और अन्य प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 34,490 करोड़ रुपये की ऋण संभाव्यता योजना तैयार की है जोकि पिछले वर्ष की तुलना में आठ प्रतिशत अधिक है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ‘नाबार्ड स्टेट फोकस पेपर-2024-25’ भी जारी किया।
सुक्खू ने कहा कि 31 मार्च 2026 को देश का पहला ग्रीन राज्य बनाया जाएगा। बजट में इसका प्रावधान किया जाएगा। कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने लोगों के सामजिक-आर्थिक उत्थान के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन, मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना, मुख्यमंत्री ग्रीन कवर मिशन, मुख्यमंत्री रोजगार संकल्प सेवा, मुख्यमंत्री विद्यार्थी योजना व स्टार्टअप इत्यादि अनेक कल्याण योजनाएं आरंभ की हैं। उन्होंने बैंको से आग्रह किया कि इन योजनाओं के उचित क्रियान्वयन के लिए ऋण देने में अपना सक्रिय सहयोग दें ताकि किसान, बागवान तथा युवा इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सकें।
जिलों में ऋण प्रवाह सामान्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र ऋण प्रवाह पर जारी किए गए निर्देशों के अंतर्गत प्रदेश का कोई भी जिला ‘क्रेडिट की कमी’ जिलों की श्रेणी में नहीं आता है। उन्होंने कहा कि हालांकि इन जिलों में ऋण प्रवाह सामान्य है लेकिन प्रदेश का ऋण व जमा अनुपात 36:39 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, ऊना, लाहौल-स्पीति व चंबा में ऋण व जमा अनुपात लगातार 40 प्रतिशत से कम है जोकि चिंता का विषय है। उन्होंने बैंकों व अन्य हितधारकों को इन जिलों में ऋण व जमा अनुपात को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में नाबार्ड की मुख्य भूमिका है।
एचआरटीसी की 3000 डीजल बसों को ई-बसों में बदला जाएगा
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से हिमाचल प्रदेश भी अछूता नहीं है, जिससे रोकने के लिए राज्य सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रीन इंडस्ट्री को बढ़ावा दे रही है और राज्य में ई-व्हीकल को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि कार्बन उत्सर्जन कम हो और फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश का परिवहन विभाग देश का पहला विभाग है, जिसमें पूरी तरह ई-व्हीकल इस्तेमाल की जा रही हैं। इसके साथ ही एचआरटीसी की 3000 डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों के साथ बदला जा रहा है तथा 1300 ई-बस के लिए टेंडर कर दिए गए हैं।
ई-टैक्सी के लिए 1200 युवाओं ने किया आवेदन
सुक्खू ने कहा कि 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के पहले चरण के तहत ई-टैक्सी योजना आरंभ कर दी है, जिसके लिए 1200 युवाओं ने आवेदन किया है। इस योजना के तहत राज्य सरकार ई-टैक्सी की खरीद के लिए 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है। ई-वाहनों के सुगम संचालन के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जा रहे हैं। कीरतपुर से केलांग ग्रीन कॉरिडोर पर 17 ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं तथा पूरे प्रदेश में ई-चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए ई-वाहनों का संचालन राज्य सरकार की एक सोच का प्रतिबिंब है, इसीलिए सरकारी विभागों में एक जनवरी 2024 से पेट्रोल व डीजल गाड़ियों की खरीद पर रोक लगा दी गई है।
सौर ऊर्जा के दोहन को भी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा के दोहन को भी प्राथमिकता दे रही है। जिला ऊना के पेखूबेला में 32 मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है, जो फरवरी माह में बनकर तैयार हो जाएगा। स्वरोजगार स्टार्ट अप योजना के दूसरे चरण में बेरोजगार युवाओं के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए राज्य सरकार मदद देगी। इस योजना के माध्यम से बेरोजगार युवा अपनी भूमि पर 100, 200 व 500 किलोवाट का सौर ऊर्जा केंद्र स्थापित कर पाएंगे तथा राज्य सरकार उनसे 25 वर्षों तक बिजली की खरीद करेगी ताकि उन्हें निश्चित आय प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त ग्रीन हाइड्रोजन उत्पन्न करने के लिए आईओसीएल के साथ एक मेगावाट क्षमता का एक प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है, जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाएगा
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए योजनाएं कार्यान्वित करेगी तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। हाल ही में राज्य सरकार ने दूध खरीद का मूल्य 6 रुपये बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषि को उद्योग की तर्ज पर बढ़ावा देने के साथ डेयरी आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। जिला कांगड़ा के ढगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक मिल्क प्लांट स्थापित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश ने नाबार्ड के विभिन्न विकास कार्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए हितधारकों को सम्मानित किया। नाबार्ड के प्रभारी अधिकारी डॉ. विवेक पठानिया ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और डीजीएम मनोहर लाल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री धनी राम शांडिल, मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा, विधायक अजय सोलंकी व भुवनेश्वर गौड़, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, जोगिंद्रा बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग प्रियतु मंडल, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।