# एनपीएस के 9,000 करोड़ के लिए कर्मचारियों ने भरी आंदोलन की हुंकार|

Employees protest for Rs 9,000 crore for NPS

नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ की राज्य स्तरीय बैठक राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर की अध्यक्षता में गूगल मीट के  माध्यम से हुई। बैठक में राज्य पदाधिकारी तथा सभी जिला अध्यक्ष उपस्थित रहे। 

 हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों की ओर से 5 फरवरी से लेकर 9 फरवरी तक सभी जिला उपायुक्त के माध्यम से केंद्र सरकार को प्रदेश के कर्मचारियों के 9000 करोड़ वापस करने के लिए ज्ञापन राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा। इसको लेकर बड़े आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है।  यह फैसला नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ की बैठक में लिया गया। नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ की राज्य स्तरीय बैठक राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर की अध्यक्षता में गूगल मीट के  माध्यम से हुई। बैठक में राज्य पदाधिकारी तथा सभी जिला अध्यक्ष उपस्थित रहे।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पेंशन बहाल हो चुकी है जो बिल्कुल 1972 के नियमावली के अनुसार कर्मचारियों को मिलना भी शुरू हुई है। अभी तक 800 से अधिक कर्मचारियों को पेंशन मिल चुकी है। जो पैसा एनपीएस के तहत कर्मचारियों का काटा था और सरकार का शेयर जोड़कर यह पैसा केंद्र सरकार के अधीन एनएसडीएल के पास है । उन्होंने कहा कि इस पैसे को केंद्र सरकार को तुरंत लौटना चाहिए। कर्मचारियों का पैसा कर्मचारियों को मिल सके और सरकार का पैसा सरकार के खाते में जमा किया जा सके, जिससे कर्मचारियों के पैसे डूबने का खतरा भी खत्म होगा और सरकार के खाते में लगभग पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक आएंगे। ऐसा होने पर वर्तमान समय में सरकार को बड़ा आर्थिक सहयोग मिलेगा।

उन्होंने कहा कि यह पैसा हिमाचल प्रदेश सरकार का है जिसे तुरंत प्रभाव से केंद्र सरकार को वापस लौटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संगठन ने पेंशन बहाली के लिए एक लंबा संघर्ष किया है जिसके परिणाम स्वरूप ही आज पेंशन बहाल हुई है।  उन्होंने विश्वास जताया कि संगठन के प्रयासों से वह इस पैसे को केंद्र सरकार से वापस लाने में जरूर सफल होंगे और केंद्र सरकार पैसे को लौटने में देरी नहीं करेगी।  उन्होंने यह भी बताया कि यदि यह पैसा जल्द केंद्र सरकार वापस नहीं लौटाती है तो संगठन द्वारा बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार भी तैयार की जा रही है।

पेंशनरों-कर्मचारियों के लिए पर्याप्त प्रावधान करें : चौहान
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व कर्मचारी नेता चमन चौहान ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मांग की है कि इस वित्त वर्ष के बजट में पेंशनरों व कर्मचारियों के लिए पर्याप्त मात्रा में धन का प्रावधान किए जाए। उन्होंने कहा कि पेंशनर एक जनवरी 2016 से बकाया भुगतान मिलने का इंतजार कर रहे हैं। पैसा न मिलने के कारण ही उन्होंने पिछली भाजपा सरकार को भी अपना समर्थन न देकर कांग्रेस को विजयी बनाने में पूर्ण सहयोग दिया।

पर वर्तमान सरकार की ओर से भी अभी तक पेंशनरों का बकाया भुगतान नहीं किया गया है। इससे पेंशनर परेशान हैं और अपनी नाराजगी आए दिन सरकार के समक्ष रखते आ रहे हैं। चमन चौहान ने सरकार से मांग की कि एक जनवरी 2016 से फरवरी 2022 तक के सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों को उनका लंबित बकाया भुगतान एकमुश्त ब्याज सहित अदा किया जाए। पेंशनरों के चिकित्सा बिल के भुगतान की अदायगी भी एकमुश्त की जाए। चमन चौहान ने कहा कि समय रहते पेंशनरों के पैसों का भुगतान नहीं किया गया तो कर्मचारियों और पेंशनरों को संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ सकता है।

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