# दो साल में पूरा होगा शिमला-कालका फोरलेन, 70 फीसदी कार्य पूरा, केबल स्टे ब्रिज से रोमांच भरा होगा सफर|

Shimla-Kalka four lane will be completed in two years, 70 percent work completed, journey through cable stay b

कालका से शिमला तक तीन चरणों में निर्माणाधीन फोरलेन का कार्य करीब 70 फीसदी पूरा हो गया है। अब सोलन से कैथलीघाट और कैथलीघाट से ढली (मशोबरा जंक्शन) तक का 30 फीसदी कार्य भी युद्धस्तर पर शुरू हो गया है। 

कालका-शिमला फोरलेन का सफर अगले दो साल में देश-विदेश के पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों के लिए रोमांच से भरा होगा। कालका से शिमला तक तीन चरणों में निर्माणाधीन फोरलेन का कार्य करीब 70 फीसदी पूरा हो गया है। अब सोलन से कैथलीघाट और कैथलीघाट से ढली (मशोबरा जंक्शन) तक का 30 फीसदी कार्य भी युद्धस्तर पर शुरू हो गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने 2026 तक फोरलेन का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। फोरलेन का काम पूरा होने के बाद करीब ढाई घंटे में चंडीगढ़ से शिमला की दूरी तय होगी। अभी तक करीब साढ़े तीन घंटे का समय लगता है। ड्रीम प्रोजेक्ट के तीसरे चरण में कैथलीघाट से शिमला फोरलेन के दो पैकेज पर 3914.77 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

इस 28.45 किमी मार्ग पर करीब 27 पुल, 5 सुरंगें, फ्लाईओवर सहित एक विश्वस्तरीय केबल स्टे ब्रिज आकर्षण का केंद्र होगा। एनएचएआई का दावा है कि फोरलेन में अगले दो सालों में वाहन फर्राटा भरेंगे। मौजूदा समय में पैकेज-1 में कैथलीघाट से शकराला तक तीन सुरंगों और 17 पुलों का काम चल रहा है। इसके अलावा पैकेज-2 में शकराला से ढली जंक्शन तक करीब 4000 सरकारी और 1161 निजी पेड़ों को हटाने का कार्य करीब 40 फीसदी पूरा हो गया है। मार्च महीने तक यह कार्य पूरा होगा। इस कार्य के बाद यहां पर ऐतिहासिक विश्वस्तरीय केवल स्टे ब्रिज बनेगा। हिमाचल में एनएचएआई के क्षेत्रीय प्रबंधक अब्दुल बासित ने बताया कि कंपनियों को युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। परियोजना अधिकारी आनंद दहिया ने बताया कि 2026 तक फोरलेन कार्य पूरा करने का लक्ष्य है।

पर्यटन कारोबार में आएगा उछाल
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के ड्रीम प्रोजेक्ट कालका-शिमला फोरलेन का कार्य तीन चरणों में हो रहा है। पहले चरण में कालका-पिंजौर बनकर तैयार है। दूसरे चरण पिंजौर से कैथलीघाट का कार्य भी करीब 85 फीसदी कार्य पूरा हो गया है। शेष बचा कार्य निर्माणाधीन है। अब तीसरे चरण में कैथलीघाट से ढली तक के दो पैकेजों का कार्य भी युद्धस्तर पर शुरू हो गया है। फोरलेन के निर्माण के बाद शिमला से चंडीगढ़ पहुंचना काफी आसान हो जाएगा। पर्यटन कारोबार को भी पंख लगेंगे। इसके अलावा राजधानी में यातायात की विकराल समस्या से भी लोगों को निजात मिलेगी।

3914.77 करोड़ की लागत से बनेगा 28.45 किमी फोरलेन
कैथलीघाट से ढली तक 30.96 हेक्टेयर भूमि पर फोरलेन का निर्माण होगा। पहले पैकेज में कैथलीघाट से शकराला गांव तक फोरलेन की लंबाई 17.465 किमी है। इसमें लगभग 1844.77 करोड़ से 20 पुल, दो टनल, 1 अंडरपास, 1 प्रमुख जंक्शन, एक टोल प्लाजा बनाने का कार्य चला है। दूसरे पैकेज में शकराला गांव से ढली तक के 10.985 किमी लंबे फोरलेन पर 2.070 करोड़ खर्च होंगे। इसमें 7 पुल, 3 टनल, 3 प्रमुख जंक्शन बनेंगे। 10.6 किमी में पुलों, टनलों और फ्लाईओवर का निर्माण होगा।

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