शिमला। बागवानी विभाग इस वर्ष भी आयातित एवं स्वयं उत्पादित फल पौधों की बिक्री शुरू कर दी है। विश्व बैंक द्वारा फंडिड एचपी-एचडीपी परियोजना के तहत लगभग 3-4 लाख (ग्राफ्टेड) एवं 7-8 लाख (सेब के क्लोनल रूट स्टॉक) पौध सामग्री की बिक्री की जाएगी। इसमें सेब, नाशपाती, आडू, पल्म, चेरी, खुमानी और अखरोट इत्यादि रोगमुक्त पौधे शामिल हैं। पौध वितरण ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर किया जाएगा। हालांकि वरीयता उन क्लस्टर किसानों को दी जाएगी जिन्होंने पहले ही संबंधित विकास खंड अधिकारियों के समक्ष अपनी मांग रखी है। साथ ही एचपी-एचडी परियोजना में शामिल किया गया है। यदि पौध उपलब्ध होगी तो अन्य गैर-क्लस्टर किसानों को भी पौधे प्रदान किए जाएंगे। पौध उचित पैकिंग के पश्चात किसानों के घर-द्वार पर उपलब्ध करवाई जाएगी। सेब के (ग्राफ्टेड) पौध की प्रमुख किस्में:जेरोमाइन, रेड वेलॉक्स, रेड कैप वाल्टोड, ओरेगन स्पर-2 सुपर चीफ, किंग रोट, ग्रैनी स्मिथ, शैलेट स्पर, स्कारलेट स्पर-2, चेलान स्पर, अर्ली रेड वन, डार्क बैरन गाला, रेड्लम गाला, गैलगाला, बकआई गाला, ब्रुक फील्ड गाला, गालावल व अन्य गाला, आविल अर्ली फूजी, रेड फूजी, सन फूजी, गिब्सन गोल्डन, गोल्डन, जिंजर गोल्ड आदि विभिन्न रूट स्टॉक पर प्रदान किए जाएंगे। अमेरिका से आयातित किस्में इसके अलावा अमेरिका से आयातित (ग्राफ्टेड) पौधे भी बागवानों को दिए जाएंगे। इसमें एम्ब्रोसिया, बैजेंट गाला, एंटरप्राइज, रेड कैमियो, क्रिमसन क्रिस्प, क्रिमसन टोपाज, क्राउन एम्पायर, कैमरून सेलेक्ट हनी क्रिस्प, रॉयल रेड हनी क्रिस्प, प्रीमियर हनी क्रिस्प, रुबिन स्टार जोना गोल्ड, ब्रेबर्न, रेड कैमियो, अल्टिमा गाला, एज्टेक फूजी पेलो न्यूटन यो ड्रिफ्ट, व्हिटनी क्रेब, मंचूरियन क्रेब और सेब के क्लोनल रूट स्टॉक, जिसमें मुख्यतः एम्ला-7, एम्ला-9, एम्ला-26, एम्ला-106, एम्ला- 111, एम.एम.-111, एम-9 टी337, पजाम-2, बड-9, बड-10, बड-118 आदि बेचे जाएंगे। विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध है विवरण विभिन्न स्वयं उत्पादित एवं आयातित रूट स्टॉक पर सेब, नाशपाती, आडू (ग्राफ्टेड) पौध की बिक्री दर 400 रुपये प्रति पौध निर्धारित की गई है ,जबकि विभाग द्वारा सेब, चेरी, नाशपाती, पल्म, आडू, अखरोट ग्राफ्टेड पौधे 150 रुपये प्रति पौध बेचे जाएंगे, जबकि सेब के क्लोनल रूट स्टॉक 100 रुपये प्रति पौध की दर से बेचे जाएंगे।