# वो वैज्ञानिक, जिन्होंने भारत को खाद्य सुरक्षा दी, मरणोपरांत मिला भारत रत्न|

The scientist who gave food security to India received Bharat Ratna posthumously 1233

केंद्र सरकार ने वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर ट्वीट कर यह जानकारी दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी में लिखा, ‘स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदला, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है। हम मार्गदर्शक के रूप में उनके अमूल्य कार्य को भी पहचानते हैं जो हमेशा छात्रों को सीखने और शोध करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।’
एमएस स्वामीनाथन का पिछले साल 98 वर्ष की आयु में 28 सितंबर को चेन्नई में निधन हो गया था। कृषि क्षेत्र में सराहनीय भूमिका के लिए उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। 

हरित क्रांति के जनक 
7 अगस्त, 1925 को तमिलनाडु के कुंभकोणम में जन्मे डॉ. स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है। उनका पूरा नाम डॉ मनकोंबू संबासिवन स्वामीनाथन था। स्वामीनाथन को 1943 के बंगाल में आए भीषण अकाल ने झकझोर कर रख दिया था। #himschalnewsalert इसके बाद ही उन्होंने जीव विज्ञान की पढ़ाई छोड़कर कृषि विज्ञान की पढ़ाई शुरू कर दी। स्वामीनाथन ने 1949 में आलू, गेहूं, चावल और जूट के जेनेटिक शोध कर अपना करियर शुरू किया था।उन्होंने धान की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारत के कम आय वाले किसानों को अधिक उपज करना आसान हो सका।

भारत को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया
स्वामीनाथन ने भारत में हरित क्रांति की सफलता के लिए 1960 और 70 के दशक के दौरान सी सुब्रमण्यम और जगजीवन राम सहित कृषि मंत्रियों के साथ काम किया। इस कारण 1967-68 और 2003-04 के मध्य गेहूं के उत्पादन में 3 गुना से अधिक की वृद्धि हुई थी। इसी तरह अनाज के कुल उत्पादन में 2 गुना वृद्धि हुई थी। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के कारण ही इकॉनॉमिक इकॉलोजी का जनक कहा था।

मैग्सेसे सहित मिले कई बड़े पुरस्कारों
दिवंगत वैज्ञानिक स्वामीनाथन को 1971 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार और 1986 में अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें 1987 में पहले विश्व खाद्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके बाद 1988 में चेन्नई में स्वामीनाथन रिसर्च फांउडेशन की स्थापना की थी।इसके अलावा उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और एच के फिरोदिया पुरस्कार, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार और इंदिरा गांधी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *