प्रदेश में राज्यसभा की इकलौती सीट के लिए नामांकन का सिलसिला गुरुवार से शुरू हो गया है। शुक्रवार को दूसरे दिन किसी नेता ने नामांकन दाखिल नहीं किया है। राज्यसभा की सीट के लिए भी नामांकन 15 फरवरी तक होंगे। प्रदेश से कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के राज्यसभा जाने की चर्चा है, लेकिन सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा भेजने की सिफारिश भी नेताओं ने की है|
हालांकि अंतिम फैसला कांग्रेस हाईकमान को लेना है और आगामी दो दिन में कांग्रेस हाईकमान देश भर में खाली राज्यसभा सीटों पर फैसला ले सकती है। गौरतलब है कि 15 राज्यों की 56 सीटों पर नए सांसदों का चयन होना है। इनमें से कांग्रेस के खाते में अभी तक 10 सीटों के आने की संभावना है।
जो सीटें कांग्रेस के पास आ रही हैं, उनमें हिमाचल की भी एक सीट शामिल है। इसके अलावा राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र औरे मध्य प्रदेश से भी कांग्रेस को एक-एक सीट मिल सकती है, जबकि तेलंगाना से दो और कर्नाटक से तीन सीटें मिलने की संभावना है। सोनिया गांधी के इस बार राज्यसभा में जाने की संभावना ज्यादा है। सोनिया गांधी राजस्थान का चुनाव लड़ती हैं, तो हिमाचल से प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस हाईकमान राज्यसभा भेज सकती है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा है कि कांग्रेस हाईकमान जल्द ही राज्यसभा सीट पर फैसला लेगी। अब राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ही राज्यसभा जाने वाले कांग्रेस के नेताओं का नाम तय करेंगे।
27 फरवरी को चुनाव
राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 फरवरी है, जबकि नामांकन पत्रों की समीक्षा 16 फरवरी होगी। नाम वापस लेने की अंतिम तिथि मंगलवार 20 फरवरी तय की गई है। मतदान की तिथि मंगलवार 27 फरवरी निर्धारित है। विधानसभा परिसर में मतदान का समय सुबह नौ से शाम चार बजे तक रहेगा। परिणाम देर शाम को घोषित होगा। मतगणना 27 फरवरी मंगलवार के दिन सायं पांच बजे होगी, जबकि निर्वाचन की पूरी प्रक्रिया 29 फरवरी को होगी।
15 तक कर सकेंगे अप्लाई 10 हजार देना होगा शुल्क
लोकसभा की चार सीटों के लिए कांग्रेस ने आवेदन आमंत्रित किए हैं। आवेदन का शुक्रवार को पहला दिन था, लेकिन इस दौरान किसी भी नेता ने आवेदन दाखिल नहीं किया। कांग्रेस ने आवेदन के लिए 10 हजार रुपए की फीस तय की गई है। कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और शिमला संसदीय सीट से उसी नेता को टिकट देने का दावा भी किया जा रहा है, जो आवेदन करेगा। आवेदन की प्रक्रिया 15 फरवरी तक चलेगी और इसके बाद छंटनी होगी। जो नाम बचेंगे, उन्हें हाईकमान को भेजा जाएगा और दिल्ली से चारों सीटों के लिए उ मीदवार तय होंगे। प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने चुनाव लडऩे के इच्छुक नेताओं से आवेदन भेजने का आह्वान किया है। जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले ही कह चुके हैं कि प्रदेश में जीत की क्षमता रखने वालों को ही टिकट मिलेगी।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने सेंट्रल वार रूम गठन कर लिया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की मंजूरी के बाद सेंट्रल वार रूम बनाया गया है। सेंट्रल वार रूम में 16 पदाधिकारी शामिल किए गए हैं और इन सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। सबसे बड़ी जिम्मेदारी हरिकृष्ण हिमराल को मिली है। उन्हें प्रदेश सरकार और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बीच समन्वय स्थापित करने का दायित्व मिला है। हिमराल लोकसभा चुनाव तक समन्वयक की भूमिका निभाएंगे। इनके अलावा तरुण पाठक विधि मामलों का समन्वय करेंगे।
कैप्टन एसके सहगल विभागीय समन्वयक, चंद्रमोहन एडवोकेट चुनाव आयोग और प्रशासनिक समन्वयक, नितिन राणा सोशल मीडिया समन्वयक, जीएस तोमर को मीडिया समन्वयक नियुक्त किया गया है। कांग्रेस ने चारों लोकसभा सीटों में बलदेव ठाकुर को शिमला, वीरेंद्र जसवाल को कांगड़ा, त्रिलोक सुर्यवंशी और अतुल शर्मा को मंडी, विक्रम शर्मा, हार्दिक शर्मा और रणदीप ठाकुर को हमीरपुर में समन्वयक तैनात किया है, जबकि विवेक शर्मा को विधि और प्रशासनिक और देवेंद्र शर्मा व विनय मेहता को विधि विभाग में समन्वय लगाया गया है। इस संबंध में आदेश सेंट्रल वार रूम के अध्यक्ष अमित पाल सिंह ने जारी किए हैं।
चुनाव के खर्च का नहीं दिया हिसाब अब तीन साल नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
प्रदेश निर्वाचन विभाग ने विधानसभा चुनाव का हिसाब न देने पर विधानसभा के तीन प्रत्याशियों पर दंडित किया है। निर्वाचन विभाग ने आगामी चुनाव के लिए इन तीनों उम्मीदवारों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह सभी उम्मीदवार अब तीन साल के लिए कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इस संबंध में आदेश मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र से रणविजय सिंह, टेक चंद और हेत राम, जबकि मंडी विधानसभा क्षेत्र से संजय कुमार ने विधानसभा का चुनाव लड़ा है, लेकिन चुनाव के दौरान खर्च की गई धनराशि का कोई भी ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया। उन्होंने बताया कि चुनाव की तारीख से आगामी 30 दिनों में सभी उम्मीदवारों को खर्च का ब्योरा सार्वजनिक करना पड़ता है। प्रदेश में आठ दिसंबर को चुनाव परिणाम सामने आया था, जबकि सात जनवरी तक सभी चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों को अपना विवरण जमा करवाना था, लेकिन तीन प्रत्याशियों ने इसे सार्वजनिक नहीं किया। इसके बाद निर्वाचन विभाग ने तीनों को नोटिस जारी किए और 20 दिन की मोहलत दी। हालांकि इस अवधि में भी उम्मीदवार सारा हिसाब-किताब जमा करवाने में नाकाम रहे। अब निर्वाचन विभाग ने कार्रवाई करते हुए तीनों पर तीन साल का प्रतिबंध लगा दिया है। यह कार्रवाई नियमों के तहत की गई है।