कांग्रेस हाईकमान ने बुधवार को अभिषेक मनु सिंघवी को हिमाचल से राज्यसभा के लिए प्रत्याशी बनाया है। इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से मंजूरी दी गई है।
हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा में जाने वाले कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर स्थिति साफ हो गई है। कांग्रेस हाईकमान ने बुधवार को अभिषेक मनु सिंघवी को हिमाचल से राज्यसभा के लिए प्रत्याशी बनाया है। इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से मंजूरी दी गई है। 15 फरवरी को शाम 5:00 बजे तक राज्यसभा चुनाव के लिए राज्य विधानसभा में नामांकन पत्र दाखिल होने हैं। नामांकन के लिए अभिषेक मनु सिंघवी शिमला पहुंच गए हैं। शिमला पहुंचने के बाद सिंघवी हिमाचल विधानसभा गए। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकात की। मुख्यमंत्री हिमाचल से राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हार्दिक बधाई दी। मंत्री हर्षवर्धन और जगत सिंह नेगी ने उनका स्वागत किया। बताया जा रहा है कि नामांकन कल दाखिल किया जाएगा।
कौन हैं अभिषेक मनु सिंघवी
अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। वर्तमान में वह पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सदस्य हैं। सिंघवी तीन बार सांसद रहे हैं। वह देश के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ताओं में से एक हैं। सिंघवी का जन्म एक मारवाड़ी परिवार में 24 फरवरी 1959 को हुआ। उनके पिता लक्ष्मी मल्ल सिंघवी जैन इतिहास और संस्कृति के विद्वान थे। वह एक प्रसिद्ध वकील और ब्रिटेन में भारत के पूर्व उच्चायुक्त रहे। वे राज्यसभा में (1998-2004) के लिए चुने गए। उनकी माता का नाम कमला सिंघवी हैं।
सिंघवी 37 साल की उम्र में 1997 में भारत के सबसे कम उम्र के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बन और 1998 तक एक वर्ष तक इस पद पर रहे। वह 2001 से कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। अप्रैल 2006 को राज्यसभा के लिए चुने गए। अगस्त 2006- मई 2009 और अगस्त 2009- जुलाई 2011 तक सदस्य, कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय समिति रहे। अगस्त 2006 से 2007 विभिन्न मंत्रालयों में सदस्य रहे। सितंबर 2006 से सितंबर 2010 सिंघवी विशेषाधिकार समिति के सदस्य रहे। जुलाई 2010 से विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य, जुलाई 2011 से कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय समिति, सामान्य प्रयोजन समिति के अध्यक्ष रहे।