क्रॉस वोटिंग आसान नहीं जश्न फीका करेंगे महाजन, भाजपा ने सिंघवी के खिलाफ प्रत्याशी उतार कर चौंकाया

राज्यसभा चुनाव के लिए बदले हुए नियमों के बीच अब क्रॉस वोटिंग करना आसान नहीं है, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी जाने माने वकील अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ हर्ष महाजन को उतार कर भाजपा ने कांग्रेस के जश्न को फीका जरूर किया है। अब वोटिंग तक यह रोमांच बरकरार रहेगा। हिमाचल विधानसभा की दलीय स्थिति देखें, तो कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं, जबकि भाजपा विधायकों की संख्या 25 है। तीन निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के साथ ही जा रहे हैं। ऐसे में सत्तारूढ़ दल 43 वोट का दावा कर रहा है।

कांग्रेस ने एक दिन पहले ही जाने-माने वकील और राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी को हिमाचल से राज्यसभा का उम्मीदवार तय किया था। जेपी नड्डा की सीट खाली हो रही है, जो मौजूदा आंकड़ों के हिसाब से कांग्रेस के खाते में जानी थी। कांग्रेस के लिए सब ठीक चल रहा था, लेकिन नामांकन के आखिरी दिन बीजेपी ने अपना उम्मीदवार भी उतार दिया। बीजेपी ने हर्ष महाजन को उम्मीदवार बनाया है, जो 45 वर्ष तक कांग्रेस में रहे और बीते विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के पाले में आ गए। कल तक लग रहा था कि बिना वोटिंग के ही कांग्रेस उम्मीदवार राज्यसभा पहुंच जाएगा, लेकिन बीजेपी के कैंडिडेट उतारने से चुनाव में ट्विस्ट आ गया है।

अब 27 फरवरी को वोटिंग से ही हार-जीत का फैसला होगा। हर्ष महाजन चार दशक से ज्यादा वक्त कांग्रेस में रहे हैं, लेकिन 2022 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने ‘हाथ’ छोडक़र ‘कमल’ थाम लिया था। तीन बार चंबा से विधायक रहे हर्ष महाजन की गिनती पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सबसे करीबियों में होती है। कांग्रेस सरकार में मंत्री से लेकर संगठन में कार्यकारी अध्यक्ष तक की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। बीजेपी ने भी उन्हें हिमाचल में पार्टी के कोर गु्रप का सदस्य बनाया है। राज्यसभा चुनाव के लिए सर्टिफिकेट लाने भी वह खुद दिल्ली जेपी नड्डा के पास गए थे, लेकिन इस सबके बावजूद क्या हिमाचल में बीजेपी कोई खेला कर सकती है, लोकसभा चुनाव से पहले यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

राज्य सभा चुनाव में वोटिंग के समय सभी राजनीतिक दलों की ओर से पार्टी रिप्रेजेंटेटिव या ऑथराइज्ड एजेंट घोषित होते हैं। वोटिंग के समय हर विधायक को यदि पार्टी एजेंट चाहे, तो वोट डिस्क्लोज करना होता है। यदि विधायक किसी अन्य व्यक्ति को वोट डिस्क्लोज कर दे, तो वह इनवैलिड हो जाएगा। इसलिए कांग्रेस या भाजपा में से कोई भी विधायक क्रॉस वोटिंग का जोखिम नहीं लेगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि राज्यसभा चुनाव के लिए वर्तमान नियमों के मुताबिक सिर्फ निर्दलीय विधायक ही बिना डिस्क्लोज किए वोट डाल सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *