भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (इफको) ने खाद की मांग का प्रस्ताव दिल्ली भेज दिया है। जिसे मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों को यह खेप जार होगी।
प्रदेशभर के किसानों व बागवानों के लिए यूरिया खाद की नई खेप जल्द गोदामों में पहुंचेगी। इसके लिए भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (इफको) ने खाद की मांग का प्रस्ताव दिल्ली भेज दिया है। जिसे मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों को यह खेप जार होगी। जानकारी के अनुसार इफको की ओर से 2600 टन खाद की खेप की मांग रखी गई है। इसमें अकेले ऊना जिला के लिए करीब 700 टन खाद जारी होगी। खाद की बाकी खेप मांग के अनुसार विभिन्न जिलों को भेजी जाएगी। ध्यान रहे कि हाल ही में बारिश के बाद गेहूं, हरी सब्जियों और फलदार पौधों के लिए यूरिया खाद की आवश्यकता है। कई गोदामों के खाद का स्टॉक खाली हो चुका है।
इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए इफको ने खाद की नई खेप लाने की तैयारी शुरु कर दी है। किसान सुरेश सैनी, रविंद्र कुमार, अंशुल दत्ता, अर्शदीप सिंह, सुनील कुमार ने कहा कि बारिश के बाद जमीन में पर्याप्त नमी है। ऐसे समय में अगर यूरिया खाद का छिड़काव हो जाए तो फसल की पैदावार काफी अच्छी होती है। उन्होंने कहा कि कई किसानों के खाद की बोरियां कुछ दिन पहले खरीद ली और कईयों को खाद की नई खेप का इंतजार है। कहा कि अगर एक सप्ताह के भीतर खाद की खेप आती है तो फसल की लिए बेहद लाभकारी होगी।
बारिश बनी फसलों के लिए संजीवनी
गेहूं की फसल के लिए बीते दिनों हुई बारिश संजीवनी साबित हुई है। जिन इलाकों में गेहूं बिल्कुल बर्बाद होने की कगार पर था, वहां बारिश के बाद फसल लहलहाने लगी है। अब खाद का छिड़काव होने पर फसल की वृद्धि में तेजी आएगी। ध्यान रहे कि जिला के बंगाणा, चिंतपूर्णी, दौलतपुर चौक, गगरेट क्षेत्र के कई गांवों में बारिश पर निर्भर खेती होती है। ऐसे में किसानों को समय-समय पर बारिश का इंतजार रहता है।
किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए खाद की मांग की गई है। उम्मीद है कि एक सप्ताह के भीतर खाद की नई खेप जारी होगी। किसान दानेदार खाद के साथ नैनो यूरिया का इस्तेमाल करें। नैनो यूरिया भी दानेदार खाद की तरह प्रभावशाली है। इसकी बाजार में पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता भी है।