हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में जाने से प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया हैं। भाजपा के 15 विधायक सदन ने निलंबित कर दिए गए हैं। यहां पढ़ें पल-पल के अपडेट्स
विक्रमादित्य सिंह ने सरकारी गाड़ी छोड़ी
मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बाद विक्रमादित्य सिंह ने सरकारी गाड़ी को छोड़ दी है। वह अपनी निजी कार में विधानसभा से अपने आवास के लिए रवाना हुए।
जयराम रमेश बोले- क्रॉस वोटिंग पर रिपोर्ट मांगी, अभी प्राथमिकता सरकार को बचाना
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि क्रॉस वोटिंग को लेकर कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए एक साजिश रचाई जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पर्यवेक्षकों को कहा है कि विधायकों से मिलकर उनकी शिकायतें सुनें और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपे। क्रॉस वोटिंग दुर्भाग्यपूर्ण है। अभी हमारी प्राथमिकता कांग्रेस सरकार को बचाना है
सदन में बजट पारित, सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र बजट पारित किए जाने के बाद बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर कर दिया गया। इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट से संबंधित विधेयक को पारित करने के लिए प्रस्ताव किया। सदन विपक्ष की गैर मौजूदगी में बजट का पारण हुआ। मुख्यंमत्री सुक्खू ने कहा कि जिन्होंने चेयर से कागज छीने, उन पर कार्रवाई की जाए। जिन्होंने सदन में नाटी लगाई, उन पर भी कार्रवाई करें। जयराम को सत्ता की बहुत भूख है। गुंडागर्दी से यह प्रदेश नहीं चलेगा। यह देवभूमि है। अफसरों को डराने की बात ठीक नहीं है। जयराम ठाकुर का और विपक्ष का राज्यसभा के चुनाव के समय व्यवहार सही नहीं था।
बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए बहस शुरू
वहीं, कांग्रेस पार्टी के छह बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए बहस शुरू हो गई है। पार्टी की तरफ से स्थिति स्पष्ट करने के लिए बुधवार दोपहर डेढ़ बजे तक का समय दिया गया था। स्पीकर के समक्ष दोनों पक्षों के वकील बहस करेंगे। कांग्रेस पार्टी की पैरवी करने के लिए दिल्ली से वरिष्ठ अधिवक्ता पहुंचे हैं। सत्यपाल जैन ने कहा कि स्पीकर की ओर से सिर्फ कारण बताओ नोटिस दिया गया है। विधानसभा के रूल के अनुसार दल बदल विरोधी कानून में विधायक को सात दिन का नोटिस दिया जाता है। राज्यसभा में वोट डालना या नहीं डालना यह बदल विरोधी कानून में नहीं आता है।
विपक्ष ने सदन में गैर मर्यादित व्यवहार किया: हर्षवर्द्धन
विधानसभा सदन की कार्यवाही 2:00 बजे के बाद फिर शुरू हुई है। निलंबित विधायकों को सदन में नहीं आने दिया गया। संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि विपक्ष ने सदन में गैर मर्यादित व्यवहार किया। आसन पर कागज फेंके गए। यह निंदनीय है। स्पीकर ने कहा कि 15 विधायकों को निलंबित किया। उसके बावजूद यह सभी सदस्य सदन में बैठे, यह भी नियमों की अवहेलना है। पर इस तरह का व्यवहार सही नहीं। साल भर सारी कार्यवाही देखी जाए तो सबसे ज्यादा वक्त नेता प्रतिपक्ष को दिया गया। पेटिशन आज हियरिंग में लगा दी गई है। छह विधायकों की अंडर डिफेक्शन पेटिशन की सुनवाई हो रही है। इस पर भाजपा विधायक सतपाल सत्ती ने कहा- हम मानकर चल रहे हैं कि सरकार अल्पमत में आ गई है।
आप सरकार बचाने का काम कर रहे हैं। हम भी इस सदन में नहीं रहेंगे। हम सदन का बहिष्कार कर जा रहे हैं। इसके बाद विपक्ष के विधायक सदन से बाहर चले गए। कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि यह लोकतांत्रिक नहीं है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर 15 लोगों के साथ पोलिंग स्टेशन में घुस गए। उन्हें प्रभावित करने की कोशिश की गई। कैसे यह लोकतंत्र चलेगा। जब बाहर जाने को कहा तो नहीं गए। कांग्रेस की तादाद 40 की थी। क्या वे बगैर प्रलोभन के गए हैं। इस सदन की मर्यादा के लिए जो भी फैसला लिया, उससे लोकतंत्र बच गया है। कहा कि जयराम तो लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं। जो आदेश को लागू नहीं कर पाए, उन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
मैं एक योद्धा हूं, बजट में बहुमत साबित करेंगे
सीएम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मैंने कोई इस्तीफा नहीं दिया, मैं एक योद्धा हूं। आम परिवार से निकला योद्धा लड़ाई में संघर्ष करता है और जीत संघर्ष की होती है। कांग्रेस पार्टी की सरकार पांच साल चलेगी। यह सरकार आम आदमी, कर्मचारियों व महिलाओं की सरकार है। भाजपा की ओर से विधायकों को बरगलाकर जो प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है, वह सफल नहीं होगा। इस लड़ाई को युद्ध की तरह लड़ूंगा। सीएम ने कहा कि बजट सत्र में हम अपना बहुमत साबित करेंगे। भाजपा के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं और जो लोग राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं, वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। भाजपा का सदन में बर्ताव उचित नहीं है।
सरकार नैतिक अधिकार खो चुकी: जयराम
हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा- यह सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। जहां तक मुझे जानकारी मिली है कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने भी अपना इस्तीफा पेश कर दिया है या हो सकता है कि आलाकमान ने उनसे मांगा हो, मुझे पता नहीं है। जयराम ठाकुर ने कहा कि आज वही हुआ जिसकी हमें आशंका थी। हमने सुबह राज्यपाल से मुलाकात की थी और हमने कहा था कि बजट पास कराने के लिए कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में वे भाजपा के विधायकों को निलंबित करेंगे… आज सदन में आते ही संसदीय कार्य मंत्री की ओर से प्रस्ताव लाया गया और 15 विधानसभा सदस्यों को निलंबित करने के लिए कहा गया। हमें मार्शल के माध्यम से बाहर जाने के लिए विवश किया गया, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सदन में निलंबन का प्रावधान तब होता है, जब हम सदन की कार्यवाही में बाधा डालें। हम चर्चा के लिए तैयार थे।
जयराम बोले-बजट पास करने के लिए हुआ हमारा निलंबन
सदन में जयराम ठाकुर ने कहा कि बजट पास करने के लिए हमारा निलंबन हुआ है। यह सरकार तो गिरी हुई है। साढ़े तीन बजे इन्होंने बजट पारित कर दिया। नैतिकता के आधार पर सरकार को इस्तीफा देना चाहिए। विक्रमादित्य सिंह ने भी इस्तीफा दिया है। इनके साथ तो विपक्ष से भी बुरा हुआ है। इसके बाद प्रतिपक्ष के विधायक सदन से उठकर लंच करने के लिए चले गए।
सदन में गतिरोध, बैठक नहीं हो पाई शुरू
विधानसभा सदन की बैठक शुरू नहीं हो पाई है। सदन में गतिरोध बना हुआ है। विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा ने भी नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से अनुरोध किया कि वे सदन से बाहर जाएं। लेकिन जयराम वह अपनी सीट से नहीं उठ रहे हैं। वहीं, सत्तापक्ष सदन में मौजूद है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि उनके इस्तीफे की खबरें निराधार हैं। कांग्रेस हाईकमान की तरफ से नियुक्त पर्यवेक्षक अभी शिमला नहीं पहुंचे हैं। विपक्ष की ओर से फैलाई जा रही अफवाहों पर विश्वास न करें। भाजपा लोकतंत्र की हत्या करने पर उतारू है। पार्टी हाईकमान का विश्वास पूरी तरह कायम है। मीडिया के सभी वरिष्ठ साथियों से अनुरोध है कि बेबुनियाद खबरें चलाने से बचें। मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्वयं सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी।
जयराम ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की बात कही, सुंदर ठाकुर ने खारिज किया बयान
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, कांग्रेस विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने इस बयान को नकार दिया है। सीएम अपने चैंबर में बैठे हैं। उनके कार्यालय से बताया गया है कि यह महज अफवाह है कि सीएम ने इस्तीफा दिया है। उधर, सदन से निलंबित भाजपा विधायकों को मार्शल की ओर से एक-एक कर बाहर निकाला जा रहा है। मार्शल विधायक बलवीर वर्मा, सुरेंद्र शौरी को पकड़कर सदन से बाहर ले गए हैं। सदन में हंसराज ने कहा- कोई तो उठाओ। इसके बाद मार्शल उन्हें पकड़कर बाहर ले गए।
विधानसभा चौक पर भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता आमने-सामने
राज्यसभा चुनाव के बाद उपजी स्थिति से विधानसभा परिसर में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। विधानसभा चौक पर भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने-सामने हैं। दोनों तरफ से जमकर नारेबाजी हो रही है।
बागी विधायकों के वाहनों को गेट पर रोकने की कोशिश, जयराम को बलपूर्वक बाहर निकालने का प्रयास
बागी विधायकों के वाहनों को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधानसभा गेट पर रोकने की कोशिश की। प्रतिपक्ष के विधायक सदन में आए। जयराम ठाकुर को मार्शल ने सदन से बाहर बलपूर्वक निकालने की कोशिश की। इस पर विपिन सिंह परमार ने हाथ न लगाने को कहा। वहीं, भाजपा विधायक रणधीर शर्मा की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद डॉक्टर को बुलाकर उनकी जांच की गई। वहीं, मार्शल विधायक जनकराज को पकड़कर सदन से बाहर ले गए। महिला मार्शल विधानसभा सदन के भीतर पहुंची हैं।
राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को वोट देने वाले छह कांग्रेस विधायक बुधवार को हेलिकॉप्टर में सवार होकर शिमला पहुंच गए हैं। सभी छह विधायक विधानसभा पहुंच गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस फोर्स बुलाई है। विधानसभा परिसर छावनी में तब्दील हो गया है।
भाजपा पार्षदों और पार्टी पदाधिकारियों को विधानसभा परिसर में बुलाया
भाजपा के सभी पार्षदों और पार्टी पदाधिकारियों को विधानसभा परिसर में बुलाया गया है। वहीं, सदन के भीतर भाजपा विधायक बैठे हैं। मार्शल उन्हें बाहर जाने के लिए कह रहे हैं। लेकिन विधायक वाहन जाने को तैयार नहीं। निलंबित किए सदस्य भी सदन के भीतर मौजूद हैं।
अनुराग ठाकुर बोले- प्रदेश में झूठे वादे करके कांग्रेस की सरकार बनी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा हिमाचल प्रदेश में बड़े और झूठे वादे करके कांग्रेस की सरकार बनी और अब वे वादे पूरे नहीं हुए। आज कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है कि जहां-जहां इन्होंने वादे किए वहां ये मुकरते नजर आते हैं और इनके विधायक ही इनसे भागते नजर आते हैं। ऐसी क्या मजबूरी थी कि मात्र 14 महीनों में इनके विधायक इनका साथ छोड़ गए। अनुराग ने कहा कि जिनसे अपने परिवार, विधायक, पार्टी न संभले वे दूसरों पर ठिकरा फोड़ रहे हैं। जिनके अपने जिले में दो विधायक छोड़ कर चले गए, उसमें भाजपा क्या कर सकती है? इनके विधायक खुलकर अपनी सरकार के खिलाफ कई बार बोलते थे, क्या वह भी भाजपा करवा रही थी?