# एक को मंत्री बनाने, चार विधायकों को कैबिनेट रैंक देने की तैयारी|

HP Sukhu Govt: Preparation to make one a minister and give cabinet rank to four MLAs

 प्रदेश सरकार लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से पहले यह फैसला ले सकती है। अभी प्रदेश मंत्रिमंडल में एक पद खाली चल रहा है।

 हिमाचल प्रदेश में सियासी गहमागहमी के बीच व अपनों की नाराजगी दूर करने के लिए सुक्खू सरकार एक विधायक को मंत्री बनाने और चार अन्य को कैबिनेट रैंक देने की तैयारी में है। प्रदेश सरकार लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से पहले यह फैसला ले सकती है।  अभी प्रदेश मंत्रिमंडल में एक पद खाली चल रहा है। इसके अलावा मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक व खाद्य आपूर्ति निगम और हिमफेड के अध्यक्ष की तैनाती होनी है।

राज्यसभा चुनाव से लेकर अब तक चल रहे सियासी भूचाल के बीच अभी हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने होलीलॉज के करीबी रामपुर के विधायक नंद लाल को सातवें वित्त आयोग का अध्यक्ष और फतेहपुर के विधायक भवानी सिंह पठानिया को राज्य योजना बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाकर कैबिनेट रैंक दिया है। इसी तरह का दर्जा चार अन्य विधायकों को भी देने की तैयारी है।

इससे पहले सरकार बनने के कुछ समय बाद ही नगरोटा बगवां के विधायक रघुबीर सिंह बाली को राज्य पर्यटन विकास बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाकर कैबिनेट रैंक दिया गया था। भाजपा की अगली चाल का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू अपनी सरकार के किले को इस तरह की सियासी रणनीति से मजबूत करने जा रहे हैं।

राज्य सरकार ने ताजपोशियों के लिए विधायकों की एक सूची भी तैयार कर ली है। कुल्लू के विधायक एवं मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर को मंत्री बनाने के लिए उनका नाम सबसे आगे है। मुख्यमंत्री सुक्खू मंत्रिमंडल में रिक्त पड़े एक पद को भरने का कभी भी फैसला ले सकते हैं। 

सूत्रों के अनुसार शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया, मनाली के भुवनेश्वर गौड़, धर्मपुर के चंद्रशेखर, शिमला शहरी के हरीश जनारथा, कसौली के विनोद सुल्तानपुरी, कुटलैहड़ के सुदर्शन बबलू और ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्न में से किन्हीं चार विधायकों को कैबिनेट रैंक दिया जा सकता है।

विनोद सुल्तानपुरी को तो शिमला संसदीय सीट से लोकसभा का टिकट भी दिया जा सकता है। अन्य की भी बोर्डों, निगमाें या अन्य स्वायत्त संस्थानों में अध्यक्षों या उपाध्यक्षों के पद पर नियुक्तियां की जा सकती हैं। इसके अलावा मुख्य सचेतक और उप मुख्य सचेतक बनाया जाना भी लगभग तय है। पिछली जयराम सरकार ने रमेश धवाला को मुख्य सचेतक और नरेंद्र बरागटा को उप मुख्य सचेतक बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था। कांग्रेस पार्टी में कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए उनकी ताजपोशी होगी। इन्हें पार्टी में ही बड़े ओहदे दिए जा सकते हैं। 

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