आश्रय शर्मा ने जारी बयान में कहा कि स्वर्गीय पंडित सुखराम ने देश और प्रदेश में जो संचार क्रांति लाई उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता।
आश्रय शर्मा ने प्रदेश सरकार से शिमला और मंडी में संचार क्रांति के मसीहा रहेपूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय पंडित सुखराम की प्रतिमाएं स्थापित करने की मांग उठाई है। आश्रय शर्मा ने जारी बयान में कहा कि स्वर्गीय पंडित सुखराम ने देश और प्रदेश में जो संचार क्रांति लाई उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता।
प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों सहित पूरे प्रदेश में 90 के दशक में ऑप्टिकल फाइबर बिछाई और आज दिन तक पूरा प्रदेश इसी के दम पर हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा हासिल कर पा रहा है। उस दौर में प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में हेलिकॉप्टरों के माध्यम से टेलिफोन एक्सचेंज की मशीनरी पहुंचाकर उन्हें स्थापित किया और घर-घर में टेलिफोन की घंटियां बजाकर लोगों को एक-दूसरे के साथ जोड़ने का सराहनीय कार्य किया।
गांव-गांव में पीसीओ स्थापित किए और उसके माध्यम से लोगों को रोजगार के साथ जोड़ा। पंडित सुखराम ने अपने कार्यकाल में देश में जो संचार क्रांति लाई, आज उसी के दम पर करोड़ों लोगों को रोजगार मिला है और इस क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। इस देश में कृषि क्रांति के बाद अगर कोई दूसरी क्रांति लोगों के लिए हितकारी साबित हुई है तो वह संचार क्रांति ही है।
कहा कि आज पंडित सुखराम हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य मानव जाति के उत्थान के लिए काम आते रहेंगे। इसलिए ऐसी राजधानी शिमला के रिज मैदान पर और उनके अपने गृह जिले के मुख्यालय के प्रमुख स्थान पर प्रतिमा का होना बेहद जरूरी है।