# हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी हिमाचल सरकार|

Watercess case: Himachal government will go to Supreme Court against High Court's decision

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ेगा। उत्तराखंड और जम्मू में वाटर सेस लिया जा रहा है। 

हाईकोर्ट की ओर से वाटर सेस एक्ट को खारिज और असांविधानिक करार दिए जाने के फैसले के खिलाफ हिमाचल सरकार सुप्रीम कोर्ट जा रही है। जल आयोग ने सरकार उपक्रम और जल विद्युत कंपनियों से 27 करोड़ रुपये के करीब की राशि वसूल कर ली थी। अब हाईकोर्ट ने वाटर सेस एक्ट को खारिज किए जाने का फैसला सुनाया है।

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ेगा। उत्तराखंड और जम्मू में वाटर सेस लिया जा रहा है। हमें कानूनी तौर पर लड़ना पड़ेगा। बता दें कि कि हिमाचल सरकार ने आय के साधन बढ़ाने के लिए सरकारी उपक्रम और निजी जल विद्युत कंपनियों पर वाटर सेस लगाने का फैसला लिया।

इससे प्रदेश सरकार ने 1000 करोड़ रुपये एकत्र होने का आकलन किया है। प्रदेश में 173 जल विद्युत कंपनियां हैं। हालांकि, निजी जल विद्युत कंपनियां पहले से ही वाटर सेस का विरोध करती रही हैं, ऐसे में सरकार ने कंपनियों के लिए सेस की दरों में कमी कर रखी है। नए प्रावधान के अनुसार 10 पैसे प्रति घन मीटर का सेस उन पन बिजली परियोजनाओं पर लगाया जाएगा, जिनकी ऊंचाई 30 मीटर तक हेड जहां पानी जलविद्युत प्रणाली में प्रवेश करता है और जहां से पानी निकलता है, उसके बीच होता है।

30-60 मीटर के लिए 25 पैसे प्रति घन मीटर, 60-90 मीटर के लिए 35 पैसे प्रति घन मीटर और 90 मीटर से ऊपर के लिए 50 पैसे प्रति घन मीटर रखा गया है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने हिमाचल प्रदेश जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर अधिनियम 2023 संशोधन विधेयक पारित किया गया था। इसमें जल उपकर आयोग का नाम बदलकर जल आयोग होगा।

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