परिवहन विभाग ने बीते साल मई माह से वीआईपी नंबरों की ई-नीलामी शुरू की है। वीआईपी नंबरों की ई-ऑक्शन से विभाग 10 करोड़ से अधिक कमाई कर चुका है।
गाड़ी के वीआईपी नंबरों के हिमाचली भी दीवाने हैं। 0001 सीरीज के दो नंबरों की ई-ऑक्शन में ही सरकार ने 21.50 लाख की कमाई कर ली। शिमला के ठियोग आरएलए (रजिस्ट्रेशन एंड लाइसेंसिंग अथारिटी) का नंबर 12.50 लाख में, जबकि श्री नयनादेवी के स्वारघाट आरएलए का नंबर 9 लाख में बिका है। परिवहन विभाग ने बीते साल मई माह से वीआईपी नंबरों की ई-नीलामी शुरू की है। वीआईपी नंबरों की ई-ऑक्शन से विभाग 10 करोड़ से अधिक कमाई कर चुका है।
ठियोग आरएलए के लिए जारी किया गया नंबर HP09D-0001 अनिल सुपुत्र स्वर्गीय दीपराम ने 12.50 लाख की बोली लगाकर हासिल किया है। स्वारघाट आरएलए के लिए जारी किया गया HP91-0001 अमित पाल सिंह ग्रेवाल ने 9 लाख की बोली लगाकर प्राप्त किया। दोनों बोलियों में कुल 90 बोलीदाताओं ने भाग लिया। बोली की शुरुआत न्यूनतम मूल्य 5 लाख की बजाय 6 लाख से शुरू हुई। इसके बाद 50,000 के साथ आगे बढ़ी।
सफल बोलीदाताओं को बकाया राशि तीन दिन के भीतर 13 मार्च तक जमा करवानी होगी। परिवहन विभाग अब एक हफ्ते बाद प्रदेश के अन्य जिलों के आरएलए के लिए 0001 सीरीज के नंबर ई-ऑक्शन के लिए जारी करेगा। परिवहन विभाग ने अपननी वेबसाइट https:// himachal.nic.in / transport पर एक हफ्ते पहले फैंसी नंबरों के लिए ई-ऑक्शन शुरू की थी। रविवार को ई-ऑक्शन आयोजित कर शाम पांच बजे परिणाम घोषित किए गए। इन नंबरों के लिए 5 लाख न्यूनतम बोली रखी गई थी। 1.50 लाख जमा करने के बाद बोलीदाता ई-ऑक्शन में शामिल हुए। शुरुआती पंजीकरण 2000 रुपये रखा गया था।
वीआईपी नंबर लेने के लिए लोगों में उत्साह है। दो वीआईपी नंबर से ही सरकार को 21.50 लाख की आमदनी हुई है। आने वाले दिनों में अन्य वीआईपी नंबर भी ई-ऑक्शन के लिए बहाल किए जाएंगे। – नरेश ठाकुर, सचिव, राज्य परिवहन प्राधिकरण