1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने लगातार दूसरी बार प्रदेश की चारों सीटों पर जीत दर्ज की। चारों प्रत्याशियों ने अच्छे मार्जिन से जीत हासिल की थी। हमीरपुर सीट से नारायण चंद, कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से चंद्रेश कुमारी, मंडी से पंडित सुखराम और शिमला से केडी सुल्तानपुरी चुनाव जीते थे। वर्ष 1984 में 23,14,024 कुल वोटर थे। इनमें से 61.45% यानी 14,22,000 वोटरों ने अपने मत का प्रयोग किया था। इनमें 7,51,618 पुरुष और 6,70,382 महिला वोटर शामिल हैं।
बुजुर्गों को घर द्वार पर मतदान की सुविधा बेहतरीन कदम
जीवन में 104 बसंत देख चुकीं कोटला खुर्द की रामप्यारी लोकसभा चुनाव के महापर्व में एक बार फिर मतदान करेंगी। राम प्यारी बताती हैं कि 70 वर्ष पूर्व चुनाव में जो नेता खड़े होते थे, वे पैदल चलकर ही घर-घर जाकर प्रचार करते। पुराने समय में वोट डालने के लिए दूर तक जाना पड़ता। सुबह से ही तैयारी करनी पड़ती। 85 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों को वोट की सुविधा घर पर ही देना जो सराहनीय कदम है।
नहीं रुकेंगे पेंशन, आधार, जाति प्रमाण पत्र बनाने जैसे काम
आमतौर पर लोग समझते हैं कि आचार संहिता लगने के बाद सभी प्रकार के प्रशासनिक काम रुक जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। बहुत से काम आचार संहिता लगने के बाद भी नहीं रुकेंगे। आप पेंशन बनवाने के लिए सरकारी कार्यालय जा सकते हैं। कोई अधिकारी मना नहीं कर सकता है। आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र बनाने के काम भी होंगे। आप इलाज के लिए आर्थिक सहयोग लेने को स्वतंत्र रहेंगे। सड़कों की मरम्मत का काम जारी रहेगा। आचार संहिता का बहाना बना अधिकारी ये जरूरी काम नहीं टाल सकता। अगर आपने मकान के नक्शे के लिए पहले ही आवेदन दिया है तो वह पास होगा, लेकिन नए आवेदन नहीं लिए जाएंगे।