तीन निर्दलीय विधायकों से इस्तीफा दिलाकर उनसे फिर से उपचुनाव लड़वाने की संभावना का दांव चलने के नफा-नुकसान को आंका जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में एक सियासी खेमा छह के बजाय नौ विधानसभा हलकों में उपचुनाव के हालात बनाने की बिसात बिछा रहा है। तीन निर्दलीय विधायकों से इस्तीफा दिलाकर उनसे फिर से उपचुनाव लड़वाने की संभावना का दांव चलने के नफा-नुकसान को आंका जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो इससे लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के दौरान नए सियासी समीकरण बन सकते हैं। राज्यसभा सदस्य के पद के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के छह बागियों ने जहां भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी, वहीं तीन निर्दलीय विधायकों केएल ठाकुर, आशीष शर्मा और होशियार सिंह ने भी भाजपा उम्मीदवार को ही वोट डाले थे। तभी कांग्रेस के पास अच्छा बहुमत होने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन राज्यसभा सांसद बन गए।
इसके बाद छह कांग्रेस विधायकों सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, इंद्रदत्त लखनपाल, देवेंद्र कुमार भुट्टो और चैतन्य शर्मा के खिलाफ दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई हुई। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इन छह की सदस्यता रद्द की। सदस्यता खारिज होने और अयोग्य घोषित होने के बाद इन छह विधायकों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर चुनौती दी है तो इसी बीच इनके हलकों में उपचुनाव घोषित किए जा चुके हैं। चर्चा है कि यह सुप्रीम कोर्ट से फैसला होने या याचिका वापस लेने की स्थिति में भाजपा में जा सकते हैं। इनकी केंद्रीय नेतृत्व से बात चल रही है।
वहीं, दूसरी ओर राज्यसभा चुनाव में भाजपा का साथ दे चुके तीनों निर्दलीय विधायक विधायकी छोड़कर दोबारा से चुनाव में जा सकते हैं। इसके संकेत खुद एक निर्दलीय विधायक ने ही दिए हैं कि उनके पास यह भी एक विकल्प है। अगर यह तीनों दोबारा चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा से टिकट लेने की स्थिति में ही इस शर्त को मान सकते हैं। तीनों निर्दलीय विधायक त्यागपत्र देकर ऐसा करते हैं तो इससे भी राज्य की राजनीतिक गहमागहमी के बीच फिर से नए समीकरण बनेंगे।
अभी विचार-विमर्श के दौर चले हुए
अगर चुनाव में जाते हैं तो हमें त्यागपत्र देना होगा। जो भी फैसला होगा, वह इकट्ठा ही होगा। अभी विचार-विमर्श के दौर चले हुए हैं। जो भाजपा हाईकमान कहेगा, वैसा करेंगे। कांग्रेस के छह लोगों से भी बात चल रही है। जहां तक चुनाव में जाने की बात है तो इस बारे में कोई दबाव नहीं है, मगर हमारे पास ऐसा विचार है। राज्य स्तर के भाजपा के नेता इस तरह का सुझाव दे रहे हैं, अभी केंद्रीय नेतृत्व के स्तर पर कोई बात नहीं है। सारी बात सार्वजनिक तौर पर चली है। जो भी फैसला होगा, जनता से विचार-विमर्श के बाद ही होगा। – केएल ठाकुर निर्दलीय विधायक, नालागढ़
प्रियंका शिमला से रख रहीं राजनीति पर नजर
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी राजधानी शिमला से सटे छराबड़ा से हिमाचल की राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि वीरवार को प्रदेश के कुछ वरिष्ठ नेताओं से प्रियंका गांधी ने फोन पर संगठन और सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर फीडबैक लिया। लोकसभा चुनाव और विधानसभा के उपचुनाव में प्रत्याशी तय करने के लिए भी प्रियंका गांधी फोन के माध्यम से जानकारियां जुटा रही हैं। बुधवार को प्रियंका गांधी दिल्ली से शिमला पहुंची थीं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी प्रियंका गांधी के साथ आए थे। इस यात्रा के दौरान भी दोनों नेताओं के बीच प्रदेश की राजनीति को लेकर चर्चा हुई है।