बाजारों में इन कुर्तियों की भारी डिमांड है। बड़ी बात यह है कि यह सबके बजट में भी है। बाजार में चिकनकारी कढ़ाई में जारजट के कुर्ते के साथ कॉटन के सूट भी मौजूद हैं।
शिमला में गर्मियों का सीजन शुरू होते ही युवतियों में लखनवी चिकनकारी कुर्ती का क्रेज है। बाजारों में इन कुर्तियों की भारी डिमांड है। बड़ी बात है कि यह सबके बजट में भी है। एक कुर्ती की कीमत 300 से 500 रुपये है। बाजार में चिकनकारी कढ़ाई में जारजट के कुर्ते के साथ कॉटन के सूट भी मौजूद हैं। युवतियां ज्यादातर जारजट के कुर्ते और महिलाएं चिकनकारी कढ़ाई में कॉटन के सूट खरीद रही हैं।
इसमें एक पैटर्न के भीतर अलग-अलग लखनऊ चिकनकारी सिलाई के मिश्रण का इस्तेमाल किया गया है। इनमें फूल पत्तियां, बेल, तितलियां, धनिया पत्ती, जोड़ा और बुलबुल सिलाई सहित कई तरह के डिजाइन बनाए गए हैं। बाजार में इन कुर्तों में हर तरह के रंग मौजूद है। यह कुर्ता जालीदार होता है इसलिए इसके साथ लाइनिंग भी दी जाती है। काॅटन का कपड़ा होता है। इसे जालीदार चिकनकारी कुर्ती के अंदर से पहना जाता है। बाजार में चिकनकारी कढ़ाई में लंबे कुर्ते से लेकर साड़ी, अनारकली और प्लाजो भी उपलब्ध है। यहां तक कि चिकनकारी वाले लैंपशेड, सोफा और मेज के भी उपलब्ध हैं।
कारोबारी श्यामु गुप्ता ने बताया कि गर्मियां शुरू होते ही लखनवी चिकनकारी कुर्तियाें की डिमांड बढ़ गई है। ज्यादातर कॉलेज की युवतियां इन कुर्तों को खरीद रही हैं। दाम भी कम होने की वजह युवतियों में इसका क्रेज बढ़ गया है। इन्हें दिल्ली और लखनऊ से लाया जाता है। लखनऊ के गांवों में करीब 5 हजार घरों की महिलाएं आज भी चिकनकारी का काम करती हैं।