1999 में हुए चुनाव में शिमला संसदीय क्षेत्र से पहली बार हिमाचल विकास कांग्रेस के धनीराम शांडिल जीते।
13वीं लोकसभा के लिए वर्ष 1999 में हुए चुनाव में शिमला संसदीय क्षेत्र से पहली बार हिमाचल विकास कांग्रेस के धनीराम शांडिल जीते। वहीं, कांगड़ा सीट से शांता कुमार और मंडी से महेश्वर सिंह तीसरी बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। जबकि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सुरेश चंदेल लगातार दूसरी बार चुनाव जीते थे। इस चुनाव में 36,86,479 वोटर थे। इनमें से 56.78 प्रतिशत यानी कि 21,49,816 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया।
0.75 फीसदी यानी कि 16019 वोट रद्द हुए थे। वोटिंग के लिए प्रदेश भर में 6230 बूथ बनाए गए थे। चारों सीटों पर 22 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में भाजपा ने 46.27 फीसदी वोट हासिल किए। जबकि बीएसपी को 0.31, सीपीआई को 0.46 और कांग्रेस ने 39.52 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। एक सीट एचवीसी और तीन सीटें भाजपा ने जीती थीं।
लोकतंत्र के महापर्व में बढ़चढ़ कर भाग लें मतदाता : राजो देवी
घुमारवीं के छजोली की 101 वर्षीय राजो देवी ने हर चुनाव में मत का प्रयोग किया है। पहला वोट डंगार में डाला था। पिछली बार परिजन उन्हें पीठ पर ले गए थे। अब बुजुर्ग हो जाने के कारण चलने में असमर्थ हैं लेकिन वोट मतदान जरूर करेंगी। वह हर बार की तरह इस बार भी वोट डालने के लिए उत्साहित हैं। उन्होंने सभी से लोकतंत्र के महापर्व में बढ़चढ़ कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की है।
मेरी उम्र भले ही ज्यादा हो
गई है, लेकिन मेरे अंदर वोट डालने का जज्बा अभी भी कम नहीं हुआ है। पहले ही तरह इस बार वोट डालने दूर नहीं जाना पड़ेगा। इस बार लोकतंत्र की मजबूती के लिए घर से ही वोट दूंगी। बुजुर्गों के लिए चुनाव आयोग ने घर से वोट डालने की अच्छी सुविधा दी है।