# हिमाचल में महिला अपराध बढ़े, चुनाव में सुरक्षा का मुद्दा गायब|

हिमाचल प्रदेश में कुछ वर्षों से महिला अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। देश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर जुटी आधी आबादी की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है। 2023 में प्रदेश में पिछले 11 साल में दुष्कर्म के सर्वाधिक मामले दर्ज हुए। लेकिन महिला सुरक्षा के मुद्दे को चुनावों में इतनी गंभीरता से नहीं लिया जाता है।

हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। नेताओं ने जनहित मुद्दों के लेकर जनता के बीच जाना शुरू कर दिया है। पार्टी के नेता जनता को रिझाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। स्वास्थ्य, बेरोजगारी, कर्मचारी, बागवानी जैसे मुद्दों पर तो सियासी दल और नेता बात कर रहे हैं, लेकिन देवभूमि में महिला सुरक्षा का मुद्दा जैसे ‘गौण’ है। पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में महिला अपराध के आंकड़े बढ़ रहे हैं। साल 2014 में सूबे में दुष्कर्म के 284 मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2023 में यह आंकड़ा 344 पहुंच गया। वर्ष 2024 में अब तक यह संख्या 51 है।

वर्ष 2014 में महिला अपहरण के 243 मामले दर्ज किए गए थे, 2023 में यह आंकड़ा 344 रहा। इस साल अब तक 56 मामले दर्ज हो चुके हैं। इन आंकड़ों से महिला सुरक्षा को लेकर जो तस्वीर सामने आ रही है, उसे सुखद नहीं कहा जा सकता है। प्रदेश में चाहे सरकार किसी की भी रही हो लेकिन महिला अपराध पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश में पहली बार मंडी से कंगना रणौत के रूप में महिला प्रत्याशी उतारा है। वहीं कांग्रेस पार्टी भी महिला को ही चुनाव मैदान में उतारने की फिराक में है। ऐसे में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर प्रमुखता से बात होने की संभावना है।

 सुक्खू सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। गुड़िया और नारी शक्ति योजना भी ठप है। कॉलेजों में लड़कियां नशे की हालत में पाई जा रही है। महिलाओं के अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार का महिलाओं की सुरक्षा की तरफ ध्यान नहीं है। -रीना कश्यप, भाजपा विधायक, पच्छाद 

दहेज प्रताड़ना के मामलों में आई कमी
प्रदेश में दहेज प्रताड़ना के मामलों में कमी आई है। 2014, 2019 में दो-दो, 2017, 2018, 2020, 2022, 2023 में एक-एक मामला दर्ज हुआ था। 2015, 2021 और 2024 में अभी कोई मामला नहीं आया है।

हिमाचल प्रदेश में साल दर साल महिला अपराध का ब्योरा 
वर्ष            2014    2015    2016    2017    2018    2019    2020    2021    2022    2023    2024
हत्या           40         25       28         29       30        23        30         26       21       25         1
दुष्कर्म       284       244      244      249      345      360      333      359     358      377       51
अपहरण     243      243     191       248      346      334      282      350     330      344      56
छेड़छाड़     519      433     405       403      515      498      539      488     499      506      74
अत्याचार     325     226     214       191      185       229      258      222     196      218      21

महिलाओं के लिए योजनाएं भी
सरकार ने महिलाओं के लिए योजनाएं भी शुरू की हैं। इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना, मुख्यमंत्री सुख आरोग्य योजना, सीएम सुख शिक्षा योजना, महिला थाने, पुलिस भर्ती में महिलाओं को लिए आरक्षण और सामाजिक सुरक्षा, महिला बाल एवं अन्य पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए इस बजट में 2 हजार, 457 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है। महिलाओं के मामले सुलझाने के लिए अलग थाने : प्रदेश सरकार ने महिलाओं की शिकायतें सुनने के लिए अलग थाने बनाए हैं। इन थानों में ज्यादातर महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है। ऐसे में महिलाएं बेझिझक अपनी बातें रख सकती हैं।

गुड़िया कांड ने झकझोर दिया था
हिमाचल में गुड़िया कांड ने जनता को झकझोर कर रख दिया था। मामला सीबीआई तक गया। सीबीआई की टीम ने भी हिमाचल में महीनों तक डेरा डाल कर रखा था। 

साइबर अपराध : निशाने पर महिलाएं
साइबर अपराध को लेकर हिमाचल की महिलाएं भी निशाने पर रही हैं। साइबर अपराधियों ने महिलाओं को टारगेट बनाया है। साइबर थानों में ऐसी दर्जनों शिकायतें दर्ज हैं। 

विधायक : मात्र एक महिला 
प्रदेश में एक भाजपा महिला विधायक है। पच्छाद विस क्षेत्र से भाजपा की विधायक रीना कश्यप ने कई बार विधानसभा में महिला की सुरक्षा संबंधित मामले उठाए हैं।

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