चक्कीमोड़ में भूस्खलन को रोकने के लिए नई तकनीक से पहाड़ी को टिकाया जाएगा।
कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर चक्कीमोड़ में भूस्खलन को रोकने के लिए नई तकनीक से पहाड़ी को टिकाया जाएगा।अब कंक्रीट वॉल और क्लाउडिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। यह कार्य वर्तमान में फोरलेन निर्माण कर रही ग्रील कंपनी की ओर से किया जाएगा। कंक्रीट वॉल की लंबाई मौके पर निर्धारित होगी। कंक्रीट वॉल के लगने से जहां पहाड़ से आने वाले मिट्टी-मलबे को रोका जाएगा और सुरक्षित किया जाएगा। इससे वाहन चालकों को काफी सुविधा मिलेगी। वहीं दुर्घटनाओं का अंदेशा भी कम हो जाएगा।
अभी तक चक्कीमोड़ में दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। पहाड़ी से अभी भी मलबा आने का खतरा बना हुआ है। लेकिन अब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पहाड़ी को टिकाने के लिए इंतजाम करने के लिए कंपनी को कहा है। साथ ही यहां पर जल्द ही काम शुरू करने के लिए भी निर्देश दिए हैं। जिसके बाद कंपनी की ओर से तैयारियां की जा रही है। वहीं पहाड़ी से मलबा हटाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
गौर रहे कि परवाणू-सोलन फोरलेन में पिछले वर्ष बारिश के बाद चक्की मोड़ में पूरी तरह से सड़क ढह गई थी। इसके बाद यहां पर करीब सप्ताह तक सड़क बंद रही थी। फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी की ओर से अस्थाई सड़क को बनाया गया, जिसके बाद यहां से आवाजाही शुरू हुई। वर्तमान में भी अस्थाई सड़क से ही दोनों तरफ के वाहन चल रहे हैं। सड़क की चौड़ाई कम होने और एक लेन से ही दोनों ओर के वाहनों के चलने से टक्कर होने की आशंका बनी रहती है। चक्की मोड़ से पहाड़ी से आए मलबे को हटाने में भी काफी दिक्कतें आ रही हैं।
यदि आगामी दिनों में काम शुरू ने हुआ तो जुलाई माह में होने वाली बरसात में फिर वाहन चालकों को काफी परेशानियां आएगी। लेकिन अब कंपनी की ओर यहां पर कार्य शुरू करने के बाद पहाड़ में फंसा हुआ मलबा हटाने का काम शुरू किया जाएगा ताकि जल्द कंक्रीट वाल और क्लाउडिंग की जा सके। ग्रील कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर इंजीनियर पंकज ने बताया कि कंपनी की ओर से कंक्रीट वाल लगाने का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। योजना तैयार की जा रही है कि बिना सड़क बाधित किए पहाड़ को कैसे टिकाया जाए ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न आए।
जनहित याचिका पर भी सुनवाई
प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर भी एक जनहित याचिका पर अपना निर्णय देते हुए एनएचएआई को हाईवे से मलबेे को हटाने का आदेश दिया था। हाईवे पर यातायात को सुचारू रूप से चलाया जा सके। यही हाल मनाली हाईवे का भी है। प्रदेश उच्च न्यायालय ने एनएचएआई और लोक निर्माण विभाग को फटकार लगाई है। वहीं बरसात से पहले सड़क से सारा मलबा हटाए जाने के आदेश दिए हैं।