कल शक्तिपीठ चामुंडा, बज्रेश्वरी, ज्वालामुखी, चिंतपूर्णी और श्रीनयना देवी के दरबार में 74 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने माता का आशीर्वाद लिया।
चैत्र नवरात्र से पहले हिमाचल प्रदेश की शक्तिपीठों को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जा रहा है। उधर, रविवार को शक्तिपीठ चामुंडा, बज्रेश्वरी, ज्वालामुखी, चिंतपूर्णी और श्रीनयना देवी के दरबार में 74 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने माता का आशीर्वाद लिया।
मंगलवार से शुरू होने वाले चैत्र नवरात्र को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। विश्व विख्यात शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर में मंगलवार सुबह पांच बजे गर्भ गृह के कपाट खोले जाएंगे। ड्रोन से मेले की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। मंदिर के अंदर ढोल-नगाड़ा और नारियल पर प्रतिबंध रहेगा।
सप्तमी, अष्टमी और नवमी को ज्वालामुखी मंदिर 24 घंटे दर्शनों के लिए खुला रहेगा। बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा में 50 पुलिस जवान और 30 से अधिक होमगार्ड सेवाएं देंगे। बसों को बाईपास पर ही खड़ा कर दिया जाएगा। मंदिर के कपाट सुबह 5 बजे खोले जाएंगे। आरती सुबह 7 और शाम साढ़े 7 बजे की जाएगी।
श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम मंदिर में महायज्ञ के दौरान शतचंडी दुर्गा पाठ, रुद्राभिषेक, सवा लाख गायत्री जाप, रामायण पाठ, देवी भागवत पुराण पाठ, दुर्गा बीज मंत्र जाप, प्रतिदिन गणपति, दुर्गा, नवग्रह, कलश एवं मंडप में स्थापित देवों का पूजन किया जाएगा। 15 अप्रैल को निशीथ पूजन किया जाएगा, जिसमें मां चामुंडा को 56 भोग अर्पित किए जाएंगे। वहीं, 17 अप्रैल को दोपहर 12 बजे यज्ञ की पूर्णाहुति होगी।
8 अप्रैल के सूर्यग्रहण का नवरात्र पर नहीं पड़ेगा प्रभाव
नवरात्र से एक दिन पहले 8 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण चैत्र सोमवती अमावस्या पर पड़ेगा। इस खगोलीय घटना को भारत में नहीं देखा जा सकेगा। ग्रहण रात 9:12 पर लगेगा रात 2:22 तक रहेगा। तारा देवी मंदिर शिमला के पुजारी कमलेश ने कहा कि यह ग्रहण रात को लगेगा और रात को ही समाप्त हो रहा है। इस वजह से इसका नवरात्र पर कोई प्रभाव नहीं होगा।