हिमाचल प्रदेश में धन, बल, ईडी और सीबीआई के सहारे भाजपा ने कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की जो कोशिश की है, इससे हिमाचल के आम जनमानस में बहुत आक्रोश है। इस बात को लेकर लोग व्यथित हैं कि हिमाचली संस्कृति ऐसी नहीं थी। यह बात तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने घुमारवीं मेंं प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कुछ सत्ता के दलालों के साथ मिलकर कांग्रेस विधायकों को खरीद कर अपने साथ जोड़ने के उपरांत सरकार बनाने की एक असफल कोशिश की है, जिसकी आमजन घोर निंदा कर रहा है।
धर्माणी ने कहा कि विधानसभा स्पीकर ने समय रहते दल बदल विरोधी कानून के तहत जो कार्रवाई की है, वह सराहनीय है। यह कानून सिर्फ हिमाचल के लिए नहीं है बल्कि पूरे हिंदुस्तान में लागू है, ताकि इस तरह का अनैतिक व्यवहार और आया राम गया राम की जो राजनीति है, उस पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि लोगों की भावनाओं के साथ जो खिलवाड़ भाजपा ने किया है, उसका नतीजा उन्हें चुनावों में भुगतना पड़ेगा। मुख्यमंत्री के साथ लोगों की सहानुभूति है, जनता का पूरा आशीर्वाद कांग्रेस पार्टी को मिलेगा।
धर्माणी ने कहा कि आज क्या कारण है कि पूर्व विधायकों को सीआरपीएफ की सिक्योरिटी दी जा रही है। इससे प्रतीत होता है कि इन्होंने कुछ न कुछ गलत किया है। एक माह वह प्रदेश से बाहर रहे। यह सारी बातें बयां कर रही हैं कि इन्होंने अनुचित कार्य किया है। जहां एक ओर उन्होंने पार्टी से गद्दारी की है, वहीं लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है क्योंकि सरकार बनाने का जनादेश हिमाचल प्रदेश की जनता ने दिया था और उस जनादेश का अपमान विधायकों को खरीदकर भाजपा ने किया है। हिमाचल में जो ये घटनाएं हुई हैं, वह शर्मसार करने वाली हैं।