प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत अब यदि बैंक अकाउंट को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) में कन्वर्ट नहीं किया, तो पात्र महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिलेगा। दरसअसल हिमाचल में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यकर्ता को ये निर्देश दिए गए हैं कि इस बार आंगनबाड़ी में रजिस्टर्ड महिलाओं को बताया जाएगा। इसका लाभ यह होगा कि पात्र महिलाओं को योजना की राशि सीधे उनके खाते में मिल जाएगी, जबकि ऐसा न करने की सुरत में महिलाओं को यह लाभ नहीं मिल पा रहा है।
गौर रहे कि हिमाचल में वर्तमान में प्रदेश में इस योजना के तहत साल 2018 से अब तक 247304 महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। इसमें पहली किस्त रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण के समय मिलेगी। दूसरी किस्त छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कर लेते हैंं, उसके बाद दी जाती है।
योजना के लाभ की राशि डीबीटी के माध्यम से तीन किस्तों में महिलाओं के बैंक खाते में सीधे भेजी जाएगी। इसके साथ ही अब दो बच्चों के जन्म पर भी महिलाएं पांच हजार रुपए पाने की हकदार होंगी। यानि यदि किसी महिला का दूसरा बच्चा बेटी है, तो दोबारा उसे इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। प्रदेश की हजारों महिलाएं केंद्र की इस योजना से लाभान्वित हो रही हैं। इसमें अब पूरी जानकारी पोर्टल के माध्यम से भी हासिल की जा सकती है। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना से महिलाओं के नुकसान की भरपाई इस योजना से हो पाएगी। योजना का मकसद काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना, उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करना है।
योजना का लाभ उठाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा या पास के सरकारी अस्पताल में संपर्क करना होगा। सरकार की तरफ से योजना के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। महिला बाल विकास विभाग की ओर से ब्लॉकवार सभी को प्रशिक्षण देने के बाद इनको फार्म भी दिए गए हैं, जिन्हें लाभार्थी को लाभ दिलाने के लिए भरने के निर्देश दिए गए हैं।