भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने वर्चुअल बैठक कर निर्णय लिया कि प्रदेश की वर्तमान सुक्खू सरकार ने प्रदेश के 1 लाख 90 हजार पेंशनरों को बार-बार मांग करने के बाद भी वर्ष 2016 के वेतनमान की बकाया राशि और 2022 व 2023 की 12 फीसदी महंगाई राहत की किश्तों का भुगतान नहीं किया। पेंशनरों के करोड़ों रुपए के चिकित्सा भत्तों के भुगतान के इंतजार में प्रदेश के 3 हजार के करीब पेंशनर स्वर्ग सिधार गए।
पेंशनरों ने आरोप लगाया कि इस सरकार ने अपने 18 माह के कार्यकाल में इस वर्ग को ठगने का ही काम किया। बैठक में निर्णय लिया गया कि भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ प्रदेश में होने वाले लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशियों के विरूद्ध मतदान करेंगे।
महासंघ के प्रदेश महामंत्री इंद्रपाल शर्मा ने कहा कि महासंघ ने सरकार को अपनी मांगों को लेकर अनेकों बार पत्र लिखे। राज्य स्तर व जिला स्तर पर धरने-प्रदर्शन व रैलियां की, मगर सरकार ने आंखें बंद रखी, इसलिए अब चुनाव में इनका विरोध करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में सभी जिला व अन्य इकाइयों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि सभी अपने परिवार व अपने रिश्तेदारों से सरकार के विरुद्ध मतदान करवाएं।
शर्मा ने कहा कि प्रदेश संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों की अलग-अलग जिलों में जिम्मेदारी दी जा रही है, जो 10 मई से चुनाव तक वहीं रहकर वहां की इकाइयों के साथ सरकार के विरूद्ध प्रचार-प्रसार करेंगे। इस अवसर पर ओम प्रकाश गर्ग, श्यामानंद शांडिल, आरपी जोशी, गोपाल कृष्ण, सुशील शर्मा, भवानी शंकर, गोपाल शर्मा आदि मौजूद रहे।