# दहेज प्रथा अभिशाप और मैं इस अभिशाप का हिस्सेदार नहीं बनना चाहता : मास्टर भूपेश

दहेज न लेने की सोच को सोच तक सीमित न रखते हुए एक विचारधारा बनानी होगी, तभी हमारी आने वाली पीढ़ी इस अभिशाप से मुक्ति पा सकेगी। इस सोच को धरातल पर उतारते हुए देश के मशहूर मार्शल आर्टिस्ट व माइनिंग कारोबारी मास्टर भूपेश ने अपनी शादी बिना दहेज के कर आमजन को इस कुप्रथा को मिटाने का संदेश दिया है। मास्टर भूपेश ने ससुराल पक्ष से केवल एक रुपया और नारियल लेकर दुल्हन को विदा कराकर घर लाया।

दूल्हे के इस फैसले की तारीफ हो रही है। निरमंड तहसील के अरसु गांव निवासी भूपेश ने कुल्लू की माशना पंचायत प्रधान बलदेव सिंह व प्रसिद्ध लोक गायक कुल्लू निवासी इंद्रजीत की बहन के साथ रचाए विवाह में शगुन के तौर पर एक रुपया और नारियल लेकर एक मिसाल कायम की है। 
आज के समय में उनकी ये पहल समानता, सशक्तिकरण और सदियों पुराने सामाजिक मानदंड के उन्मूलन के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, जिसने लंबे समय से वैवाहिक परंपराओं को प्रभावित किया है। सामाजिक परिवर्तन के अग्रदूत मास्टर भूपेश का मानना है कि विवाह जैसा पवित्र बंधन भौतिक संपत्ति की बजाय आपसी सम्मान, समझ और साझा मूल्यों पर आधारित होना चाहिए।

मास्टर भूपेश शुरु से ही समाज में फैली कुरीतियों को खत्म करने के लिए कई अभियान छेड़ चुके हैं। महिला सुरक्षा के लिए मिशन निर्भीक, पुलिस जवानों के लिए मिशन पीसकीपर और युवाओं को नशे से दूर करने के लिए नशा मुक्ति जैसे अभियान मास्टर भूपेश ने देश व प्रदेश में चला रखे हैं।

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