ज्वालामुखी गुम्मर के पंडित संजय शर्मा ने बताया कि गुरु प्रधान राशि मीन में प्रवेश करते ही सूर्य मलिन हो जाता है।
इस साल मई और जून में शादी की शहनाइयां नहीं गूंजेंगी। सबसे ज्दादा विवाह इन दो महीनों में ही होते हैं। इस बार शादी का एक भी मुहूर्त इनमें नहीं नहीं है। ऐसा करीब 23 साल बाद हो रहा है। इससे पहले वर्ष 2000 में भी ऐसी ही स्थिति बनी थी।विज्ञापन
ज्वालामुखी गुम्मर के पंडित संजय शर्मा ने बताया कि गुरु प्रधान राशि मीन में प्रवेश करते ही सूर्य मलिन हो जाता है। इस कारण सूर्य के बलवान नहीं रहने से मांगलिक कार्यों की स्थिति नहीं बनती है। इस साल 26 अप्रैल के बाद करीब दो महीने विवाह के मुहूर्त भी नहीं हैं।विज्ञापन
इस माह 21, 22, 23, 25 और 26 अप्रैल को विवाह के मुहूर्त हैं। उसके बाद जुलाई में 9, 11, 12, 14 और 15 तारीख को विवाह होंगे।इस तरह गुरु और शुक्र के अस्त रहने के कारण मई और जून में विवाह मुहूर्त नहीं होंगे।विज्ञापन
पंडित संजय के अनुसार इस बार विवाह के कारक ग्रह गुरु और शुक्र के अस्त होने के बावजूद अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त 10 मई को और 15 जुलाई को शादियां होंगी। वहीं 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इस दिन से चार महीने के लिए चातुर्मास प्रारंभ हो जा रहा है। हिंदू शास्त्र के अनुसार इन चार महीनों में कोई भी मांगलिक कार्य करने का विधान नहीं है।