प्राकृतिक आपदा से शामती को बचाने के प्रयासों में प्रशासन ने कार्य मे तेजी लायी है शामती के पहाड़ में पड़ी दरारों को जहां पहले फ्लाई ऐश से भरा, वहीं अब चूना पाऊडर से भरा जा रहा है। इसके अलावा अब ओवर हुए ग्राऊंड वाटर को बाहर निकालने के लिए 3 हैंडपंप से मोटरें जोड़कर पानी बाहर निकाला जा रहा है। एक हैंड पंप से 24 घंटे पानी बाहर निकालने का क्रम चला हुआ है परंतु 2 हैंडपंप में बार-बार गाद आने की वजह से 10 से 20 मिनट बाद मोटर को बंद करना पड़ रहा है। प्रशासन के आदेश पर जलशक्ति विभाग ने शामती में अपने तीनों हैंडपंप को मोटर से जोड़ दिया। अब विभाग की योजना वहां पर एक निजी हैंडपंप से भी इसी तरह पानी निकालने की है। शामती के पहाड़ में पड़ी दरारों की वजह ग्राउंड वाटर लेवल का ओवर होना है। राज्य भूगर्भ वैज्ञानिक की अगुवाई में बनी एक टीम ने वहां पर दौरा किया और इस त्रासदी की वजह ग्राउंड वाटर लेवल का ओवर होना बताया है। किसी जमाने पर यहां पर बरसात के दिनों में प्राकृतिक जलस्रोत फूटते थे पर अब वहां पर मकान बन गए हैं। यही वजह है कि यह पानी पहाड़ के हिल टॉप पर दरारों के माध्यम से ब्लास्ट होकर बाहर निकला। इसके बाद वहां पर जमीन धंसनी शुरू हो गई है।जलशक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता सूमित सूद ने बताया कि शामती में ग्राऊंड वाटर को बाहर निकालने के लिए 3 हैंडपंप में मोटर लगाई गई हैं। एक हैंडपंप से तो 24 घंटे पानी निकाला जा रहा है जबकि दो में थोड़ी दिक्कत आ रही है। कोशिश की जा रही है कि पूरे पानी को किसी तरह बाहर निकाला जा सके।