कांग्रेस पार्टी के छह बागी विधायकों की ओर से राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग के बाद ही यह ‘सियासी खो-खो’ का खेल शुरू हुआ है। रुष्ट भाजपाइयों ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामना शुरू किया है। भाजपा ने छह बागी विधायकों को प्रत्याशी बनाया है।
हिमाचल प्रदेश में अपनों को संभालने में भाजपा और कांग्रेस का पसीना छूट रहा है। कांग्रेस पार्टी के छह बागी विधायकों की ओर से राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग के बाद ही यह ‘सियासी खो-खो’ का खेल शुरू हुआ है। रुष्ट भाजपाइयों ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामना शुरू किया है। भाजपा ने छह बागी विधायकों को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने भी दांव खेलते हुए अपने पूर्व विधायक रहे भाजपा में शामिल राकेश कालिया को फिर से अपने साथ मिला लिया तो अब सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रहे कैप्टन रंजीत राणा को अपनाकर भाजपा को झटका दिया है। वह उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी के संभावित प्रत्याशी हो सकते हैं।
इससे साफ है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों में ही अंदरखाते असंतुष्टों में खलबली मची हुई है। दोनों पार्टियां अपने-अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की नाराजगी दूर करने में लगी हैं। अपनों को मनाना इन दलों के सामने बड़ी चुनौती है। कांग्रेस पार्टी के छह बागी विधायकों को भाजपा के टिकट मिलने के बाद अब इनके क्षेत्रों के कई नेता और कार्यकर्ता नाराज हैं। वे कांग्रेस विचारधारा से आए नेताओं को आगे किए जाने को पचा नहीं पा रहे हैं।
लाहौल स्पीति विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के बागी विधायक रहे रवि ठाकुर को उपचुनाव में टिकट दिए जाने से भाजपा सरकार में मंत्री रहे रामलाल मारकंडा और उनके समर्थक खफा हो गए हैं। कुटलैहड़ उपचुनाव के लिए कांग्रेस के बागी देवेंद्र कुमार भुट्टो को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने से पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर और उनके समर्थकों में रोष है।
कांग्रेस बागी विधायकों पर लगाती रही है गंभीर आरोप
कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव में छह बागी विधायकों के भाजपा में शामिल होने को चुनावी मुद्दा बनाया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री मंच व रैलियों में बार-बार आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा ने बड़ी डील करते हुए कांग्रेस पार्टी के विधायकों को भाजपा में शामिल किया है।
तीन निर्दलीय विधायक भी भाजपा में हो चुके हैं शामिल
तीन निर्दलीय विधायक हमीरपुर के आशीष शर्मा, नालागढ़ के विधायक केएल ठाकुर और देहरा के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। तीनों ने विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि तीनों सीटों पर विधानसभा उपचुनाव पर पेच फंसा है। अध्यक्ष ने अभी तक तीनों का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। मामला अदालत में है।
धर्मशाला में सुधीर को टिकट मिलने से राकेश असंतुष्ट
धर्मशाला और सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में भी उठापटक चल रही है। धर्मशाला में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए सुधीर शर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने से पूर्व भाजपा प्रत्याशी राकेश चौधरी असंतुष्ट चल रहे हैं। उनसे भी कांग्रेस के संपर्क में होने की चर्चा है। इससे पहले भाजपा के हमीरपुर नगर परिषद अध्यक्ष मनोज मिन्हास कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। पाला बदलने में पंडित सुखराम का परिवार भी सुर्खियों में रहा है। पंडित सुखराम कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे। केंद्र में भी मंत्री रहे। उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर नई पार्टी हिमाचल विकास कांग्रेस बनाई थी।
उनके बेटे अनिल शर्मा पहले वीरभद्र सिंह की सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे। उसके बाद इन्होंने भी कांग्रेस छोड़ी। 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विजयी हुए। अब वह भाजपा के विधायक हैं। वहीं, इंदु वर्मा का परिवार भी दल बदलने के लिए मशहूर रहा है। वह पूर्व विधायक स्व. राकेश वर्मा की पत्नी हैं। उन्होंने ठियोग विधानसभा क्षेत्र से भाजपा और कांग्रेस पार्टी से टिकट की पैरवी की। बाद में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा पर हार का सामना करना पड़ा। अब वह भाजपा में हैं।
एक-दो लोगों के जाने से फर्क नहीं
एक-दो लोगों के कांग्रेस में जाने से भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ता। कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए सभी 6 विधायकों को उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया है। इसको लेकर पूर्व में कार्यकर्ताओं में थोड़ी नाराजगी थी, अब सब ठीक हो गया है। भाजपा के सभी कार्यकर्ता उन्हें जिताने में दिनरात एक कर रहे हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में पार्टी आगे बढ़ रही है। – रणधीर शर्मा, मीडिया विभाग प्रभारी, भाजपा
कई भाजपा नेता आने को तैयार
छह कांग्रेसी विधायकों के भाजपा में जाने से पार्टी को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। जनता इन्हें उपचुनाव में सबक सिखाएगी। इन्हें भाजपा के प्रत्याशी बनाए जाने से संगठन का झंडा उठाने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। ऐसे में भाजपा के कई नेता कांग्रेस पार्टी में आने को तैयार बैठे हैं।