मानव भारती फर्जी डिग्री मामले में शनिवार को एमएमयू के संस्थापक सहित 10 आरोपियों को अदालत में पेश किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने दो आरोपी मंदीप राणा और अशोनी कंवर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए आवेदन दायर किया है। विशेष न्यायाधीश भूपेष शर्मा ने आवेदन की सुनवाई 5 अगस्त को निर्धारित की है। इससे पहले 29 मई 2023 को अदालत ने एमएमयू के संस्थापक राज कुमार राणा, जगमल सिंह, जगमोहन चोहड़ा, प्रमोद कुमार, अजय कुमार, हिमांशु शर्मा, पंकज अग्रवाल और अभिषेक गुप्ता को अदालत ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी।बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दायर दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद अदालत ने पाया था कि आरोपियों ने मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन निवारण अधिनियम 2002) की धारा 3 और 4 के दंडनीय प्रावधानों का अपराध किया है। ईडी ने अदालत के समक्ष शिकायत की है कि वर्ष 2009 में आरोपी राज कुमार राणा ने जिला सोलन के गांव लाड्डो, सुल्तानपुर में एक निजी विश्वविद्यालय मानव भारती की स्थापना की। साथ ही वर्ष 2013-14 में राजस्थान के आबू रोड सिरोही में माधव विश्वविद्यालय की स्थापना भी की। दोनों संस्थान मानव भारती चैरिटेबल ट्रस्ट के अधीन चलाए जा रहे थे। एमएमयू के संस्थापक राणा ने सह आरोपियों के साथ मानव भारती विश्वविद्यालय के नाम पर फर्जी डिग्रियां बेची और मोटी रकम अर्जित की। इस अपराध के लिए ईडी ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 462, 467, 471 और धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 की धारा 3 और 4 के तहत सोलन जिला के पुलिस थाना धर्मपुर में प्राथमिकी दर्ज की है। प्रारंभिक जांच में ईडी ने आरोपी राज कुमार की चल और अचल संपत्ति 194.14 करोड़ रुपये आंकी है।