सुंदरनगर उपमंडल की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल पलौहटा में विद्यार्थियों ने अध्यापिका का पढ़ाते हुए वीडियो बनाकर उसे वायरल कर दिया। इसका पता चलने पर अध्यापिका ने कक्षा में बच्चों को बुलाकर मेज पर प्लेट में रखी छुरी दिखाकर धमकाया और पूछा कि वीडियो किसने बनाया है और किसने वायरल किया है। भनक लगते ही स्कूल प्रबंधन समिति और अभिभावक भी स्कूल पहुंच गए। इसके बाद शिकायत प्रिंसिपल तक पहुंच गई।
पांच सेकंड के वीडियो में कुछ भी ऐसा नहीं था, जिससे अध्यापिका को इनता गुस्सा आ गया। मामले ने तूल पकड़ा और रविवार को स्कूल प्रबंधन समिति और अभिभावकों ने इसकी लिखित शिकायत प्रिंसिपल और अधिकारियों से कर दी। इस बारे में प्रिंसिपल धनी राम का कहना है कि घटना वाले दिन वह चुनावी ड्यूटी पर थे।
स्कूल प्रबंधन समिति की अध्यक्ष बनीता ने कहा कि अध्यापिका के छुरी दिखाने और धमकाने से बच्चे सहमे हुए हैं। अध्यापिका का कहना है कि वह तो वीडियो बनाने वाले बच्चे का नाम जानना चाहती थी। उनका मकसद बच्चों को डराने का नहीं था। इस घटना को लेकर उच्च शिक्षा उपनिदेशक सुशील कुमार ने कहा कि इस बारे में उन्होंने स्कूूल के प्रधानाचार्य से बात की है। इसमें उन्होंने पूरी घटना के बारे में जानकारी हासिल की है।
शिक्षक वर्ग को बदनाम करने की साजिश : दर्शन
इधर, भारतीय शैक्षिक महासंघ के अतिरिक्त महामंत्री दर्शन लाल ने कहा कि मामले को बेवजह ही तूल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संबंधित अध्यापिका से इस संदर्भ में बात की गई, उसे जाने बिना ही मामले को तूल देना उचित नहीं है। यह शिक्षक वर्ग को बदनाम करने की साजिश है।