देश में चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रचार के दौरान पुलिस जो शराब और नकदी जब्त करती है, उसका क्या होता है? क्या वो किसी को वापस मिल सकता है?
चुनाव में प्रचार : चुनाव की तारीख और सीट फाइनल होने के बाद उम्मीदवार और उनके समर्थक चुनाव प्रचार में उतर जाते हैं। वहीं चुनाव आयोग के निर्देशों पर चुनावों के दौरान अवैध या नियमों के खिलाफ इस्तेमाल होने वाली नकदी, सोना और शराब को पुलिस जब्त करती है। कुछ लोग नियमों का उल्लंघन कर चुनाव में अधिकतर काले धन का इस्तेमाल करते हैं।
इसके अलावा चुनाव आयोग ने चुनाव लड़ने के लिए पैसे खर्च करने की जो लिमिट तय की है, प्रत्याशी उससे कहीं ज्यादा खर्च करते हैं। इसलिए चुनाव के दौरान पुलिस संदिग्ध दिखने वाले वाहनों और लोगों को चेकिंग-पूछताछ करती रहती है। पुलिस अपने सूत्रों के आधार पर भी छापा मारकर कैश और शराब को जब्त करती है।
जब्त शराब का क्या होता है
अब सवाल ये है कि चुनाव के दौरान कैश के अलावा भारी मात्रा में शराब भी जब्त की जाती है। आखिर प्रशासन उस शराब का क्या करता है। जानकारी के मुताबिक चुनाव के दौरान मिली शराब को पहले तो एक जगह जमा किया जाता है, जिसके बाद उसे एक साथ नष्ट कर दिया जाता है।
क्या जब्त पैसा वापस मिलता है
चुनाव के दौरान पुलिस जो भी कैश जब्त करती है। पुलिस उसे आयकर विभाग को सौंपती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस व्यक्ति से पुलिस कैश बरामद करती है, वह व्यक्ति बाद में इसके लिए क्लेम कर सकता है। उस व्यक्ति को यह साबित करना होगा कि पैसा उसका अपना है। उसने यह पैसा किसी अवैध तरीके से नहीं कमाया है। अगर यह साबित हो जाता है तो पैसा वापस मिल जाता है। वहीं जिस जब्त पैसे पर कोई दावा नहीं करता है, वो सरकारी खजाने में जमा करा दिया जाता है।