588 मीटर लंबा विश्वस्तरीय सस्पेंशन ब्रिज के निर्माण के लिए पेड़ों को काट लिया गया है। लगभग 300 करोड़ से सस्पेंशन ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है।
शकराला और शनान के बीच बैली ब्रिज का निर्माण शुरू हो गया है। 588 मीटर लंबा विश्वस्तरीय सस्पेंशन ब्रिज के निर्माण के लिए पेड़ों को काट लिया गया है। लगभग 300 करोड़ से सस्पेंशन ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। ढली-कैथलीघाट फोरलेन के दूसरे चरण में शकराला से ढली-मशोबरा जंक्शन तक 11 किलोमीटर फोरलेन का निर्माण 2070 करोड़ रुपये से किया जा रहा है। बेली ब्रिज आकर्षण का केंद्र होगा। बैली ब्रिज आधे किलोमीटर से ज्यादा लंबा और 26.9 मीटर चौड़ा होगा। यह पुल जमीन से 240 मीटर की ऊंचाई पर होगा। बैली ब्रिज को स्टील की तारों से सहारा मिलेगा। इसके अलावा दोनों किनारों पर स्टील की रेलिंग भी होगी।
शकराला में अभी पुल को बनाने के लिए मशीनें लाई जा रही हैं। वन विभाग ने पेड़ों को काटने का काम पूरा कर लिया है। फिलहाल पहाड़ी के पास नींव बनाने का काम किया जा रहा है। शकराल के पास लगभग 150 मजदूर निर्माण कार्य पर लगे हुए हैं। निर्माण स्थान पर 25 पोकलेन और 10 मिक्सर काम में लगाए गए हैं। मौके पर मौजूद कंपनी के प्रोजेक्ट प्रबंधक जितेंदर ने बताया कि अभी खोदाई करके मशीनें निर्माण स्थान तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
फोरलेन बनने से ढाई घंटों में शिमला से पहुंचेंगे चंडीगढ़
ढली से कैथलीघाट तक दूसरे पैकेज में 28.45 किलोमीटर लंबे फोरलेन पर 3,914.77 करोड़ रुपये खर्च होंगे। फोरलेन बनने से ढाई घंटों में शिमला से चंडीगढ़ पहुंचा जा सकेगा। फोरलेन का निर्माण पूरा होने से शिमला में पर्यटन बढ़ेगा। इसके अलावा सेब कारोबार के लिए भी फोरलेन संजीवनी साबित होगा।
20 फीसदी कार्य पूरा
कैथलीघाट से ढली तक फोरलेन का 20 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो गया है। 2026 तक काम पूरा करने का लक्ष्य है। निर्माण कंपनियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।