रात 2:00 बजे तक मंडी खुली रखनी पड़ी तो रहेगी। पूरा प्रशासनिक अमला मंडियों में खड़ा रहेगा, जरूरत पड़ी तो निगरानी के लिए बटालियन लगाएंगे, पर सेब तोलकर ही बिकेगा। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने मंगलवार को बागवानों और आढ़तियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान साफ किया कि किसी भी सूरत में सरकार यह फैसला वापस नहीं लेगी। आढ़तियों ने अगर किलो के हिसाब से सेब नहीं बेचा तो उनके लाइसेंस रद किए जाएंगे। सरकार के आदेशों के बावजूद मंडियों में पेटियों के आधार पर बोली की शिकायतों पर बागवानी मंत्री ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि हर हाल में कानून का पालन करना होगा।नेगी ने कहा कि बागवानों की समस्याओं को सरकार हल करेगी और आढ़तियों के हितों का भी ख्याल रखा जाएगा। बैठक में संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान और सह संयोजक संजय चौहान ने कहा कि 24 किलो की शर्त के कारण भ्रम की स्थिति बन रही है। इसलिए सरकार अध्यादेश लाकर यूनिवर्सल कार्टन को अनिवार्य करे। 2 किलो की अवैध काट को तुरंत बंद किया जाए। किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि सब्जियों में किसान को बारदाना (बोरी) वापस होता है, सेब में 120 से 125 रुपये की पेटी वापस नहीं होती। सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने कहा कि आढ़तियों ने शपथ पत्र तो दिए लेकिन मंडियों में मनमानी कर रहे हैं। मार्केट फीस के नाम पर सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं।