केंद्रीय विश्वविद्यालय के सातवां दीक्षांत समारोह में शिरकत करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रसिद्ध शक्तिपीठ चामुंडा मंदिर में पूजा-अर्चना की।
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के सातवां दीक्षांत समारोह में शिरकत करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में माथा टेका। जिलाधीश कांगड़ा हेमराज बैरवा, अतिरिक्त जिलाधीश सौरभ जस्सल और सहायक अभियंता शमशेर सिंह मन्हास ने उनका स्वागत किया। मुख्य पुजारी ओम व्यास ने पूजा-अर्चना करवाकर उन्हें आशीर्वाद स्वरूप मां की चुनरी भेंट की और रक्षा कवच के रूप में मौली बांधी।
जिलाधीश ने मंदिर में चल रहे विकास कार्य के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रपति ने शिवालय में भी माथा टेका। शिव मंदिर के पुजारी बॉबी गोस्वामी ने भी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करवाई और राष्ट्रपति ने शिव मंदिर की गुफा के इतिहास के बारे में जानकारी हासिल की। मुर्मू लगभग 45 मिनट तक चामुंडा मंदिर में रहीं। प्रोटोकॉल के तहत द्रौपदी मुर्मू में यहां पानी भी ग्रहण नहीं किया।
प्रलोभनों को त्यागकर देश की तरक्की के लिए काम करें युवा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थान प्रगतिशील और नवोन्मेषी अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा दें। ये काम मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप कार्यक्रमों के उद्देश्यों के अनुरूप हों। युवाओं को 2047 के विकसित भारत के दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित कर मेहनत करने को कहा। सोमवार को केंद्रीय विवि धर्मशाला के दीक्षांत समारोह में उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने छात्रों से प्रलोभनों को त्यागने और राष्ट्रवाद की भावना को आत्मसात करते हुए देश की प्रगति के लिए काम करने को कहा।
राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों को न केवल ज्ञान का प्रसार करना चाहिए, बल्कि स्थानीय समुदायों के लाभ के लिए अपने शोध कार्यों से जोड़ने का भी प्रयास करना चाहिए। हमारे राष्ट्र की प्रगति विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान के निरंतर विकास पर निर्भर है।
इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए शोध कार्य को अंतरराष्ट्रीय मानकों के समकक्ष लाना आवश्यक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही विश्वविद्यालय के पास सर्वोत्तम सुविधाओं और कामकाजी माहौल से सुसज्जित अपना स्थायी परिसर होगा। मुर्मू पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और रामनाथ कोविंद के बाद विश्वविद्यालय के समारोह की शोभा बढ़ाने वाली तीसरी राष्ट्रपति हैं।
समारोह में बतौर अति विशिष्ट अतिथि राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने उपाधि प्राप्त करने वालों को बधाई देते हुए कहा कि यह अपनी दुर्बलताओं और श्रेष्ठताओं को पुन: पहचानने का समय है। शिक्षक अपने विद्यार्थियों को इस तरह अच्छे सांचे में ढालें, जिससे वह समाज में एक सुशिक्षित, ईमानदार, सुसंस्कृत और जागरूक नागरिक की भूमिका निभा सकें। इस मौके पर सीयू के वीसी एसपी बंसल भी मौजूद रहे।
709 विद्यार्थियों को बांटीं डिग्रियां राज्यपाल शुक्ल को मानद उपाधि
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में 709 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और डिग्रियां प्रदान कीं। वहीं, 11 पीएचडी स्काॅलर, एमफिल के 6, यूजी के 5 और पीजी के 25 मेधावियों को गोल्ड मेडल से नवाजा गया। देश की प्रथम नागरिक के हाथों डिग्री और मेडल पाकर मेधावी चहक उठे। वहीं, राष्ट्रपति ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को डाॅक्टरेट की मानद उपाधि भी प्रदान की।