# गिरिपार के लोगों का सबसे बड़ा मुद्दा, सड़क…सड़क…सड़क…

Lok Sabha Election: The biggest issue of the people of Giripar, road...road...road

सुरेश कश्यप से पहले पूर्व विस  अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर भी यहां से कई बार विधायक रह  चुके हैं।

 भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी सुरेश कश्यप का विधानसभा हलका पच्छाद ही रहा है, जहां से अब रीना कश्यप दूसरी बार भाजपा विधायक हैं। सुरेश कश्यप से पहले पूर्व विस  अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर भी यहां से कई बार विधायक रह  चुके हैं। इसी क्षेत्र से शुरू होती है सनौरा-मिनस सड़क, जिसकी हालत खराब है। सिरमौर को एक ओर सोलन तो दूसरी ओर उत्तराखंड से कनेक्ट करने वाली यह सड़क खस्ताहाल है। इसकी खड़ी चढ़ाई में संकरी सड़क दुर्घटनाओं को न्योता देती है। आगे रेणुका हलका है। यहां से विनय कुमार कांग्रेस विधायक हैं, जो वर्तमान में विधानसभा उपाध्यक्ष भी हैं।

उनके क्षेत्र में नौहराधार और हरिपुरधार जैसी पहाड़ियों पर भी मुख्य सड़क की यही हालत है कि अगर दूसरी गाड़ी को पास देना हो तो यह खतरे से खाली नहीं है। नीचे शिलाई विधानसभा हलके की सड़कों के तो और भी खराब हाल हैं। यहां से विधायक मंत्री हर्षवर्धन चौहान हैं। आजकल नाराज लोगों के निशाने पर क्षेत्र के तमाम नेता तो हैं ही। ज्यादा वर्तमान सांसद सुरेश कश्यप इसलिए हैं कि वह एक बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं। मुख्य सड़क से जुड़े खतरनाक संपर्क मार्गों से कामकाज के लिए उमड़ते लोगों से अमर उजाला ने लगातार बात की। कुछ स्थानों पर गांव की दिशा में पैदल उतरकर भी लोगों को पूछा तो हट-फिरकर एक ही मुद्दा सब पर भारी था – सड़क, सड़क और सड़क…

लोकसभा चुनाव में लोगों की नाराजगी सांसद और पूर्व सांसदों सबसे है। किसी ने उनके चुनाव के वक्त ही नजर आने की बात की और कहा कि इस बारे में किसी ने कुछ नहीं सोचा। कई लोगों ने मौजूदा और पूर्व विधायकों को भी इसके लिए जिम्मेवार ठहराया। कई लोगों ने कहा कि यह जिला असल में प्रदेश का सिरमौर हो सकता है, मगर जब यहां पर अच्छी सड़कें हों। इस दिशा में किसी ने ठीक से सोचा नहीं है। 

परमार के पैतृक गांव की सड़क की हालत भी खस्ता 
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस सड़क को नेशनल हाईवे बनाने की वर्ष 2017-18 में घोषणा कर चुके हैं, जो जमीन पर नहीं उतरी। यह सड़क पहले राष्ट्रीय राजमार्ग 6 थी, मगर इसे डिग्रेड कर मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड बनाया गया है। सराहां से हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार के पैतृक गांव चनालग जाने वाली सड़क के तो इससे भी बुरे हाल हैं। 

सांसद सड़कें ठीक नहीं करवा पाए : हर्षवर्धन
उद्योग मंत्री और शिलाई के कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान का कहना है कि भाजपा ने पिछले कई वर्षों से सड़कों के लिए बजट ही नहीं दिया। सड़कों को दुरुस्त करने के लिए भी केंद्र बजट नहीं दे रहा। सांसद भी इसमें विफल रहे हैं।

विधायक-मंत्री की है विफलता : चौधरी
पूर्व ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी का आरोप है कि विधायक और मंत्री सड़कें ठीक नहीं करवा पा रहे हैं। यह उनकी विफलता बताती है, न कि सांसद की। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में बजट खूब आया है। इसे राज्य सरकार खर्च नहीं कर पाई है। 

जनता सड़कों की दुर्दशा से परेशान
राजगढ़ निवासी सुरेंद्र तोमर, रघुनाथ ठाकुर और सुंदर सिंह ठाकुर का 
कहना है कि अगर सड़क चौड़ी की जाती है तो यह इस क्षेत्र की आर्थिकी को मुख्यधारा में लाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी, मगर यह तभी संभव होगा, अगर सरकारें ध्यान देंगी। मिस्त्री का काम करने वाले पच्छाद हलके के एक अन्य निवासी सुभाष चंद भी सड़कों की दुर्दशा से परेशान हैं।
 रेणुका क्षेत्र के नौहराधार में बुजुर्ग जालम सिंह ने कहा कि हमारी सड़कें सुधार दो बस, इससे बड़ा मुद्दा क्या हो सकता है। 
  शिलाई तहसील के ढाहर गांव के निवासी मनीराम भी कहते हैं कि सांसद केवल आजकल ही दिख रहे हैं। पांच साल नहीं आए। 

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