जिला आयुर्वेदिक अस्पताल सोलन में एक मरीज द्वारा इलाज के लिए लगाए गए आयुष्मान कार्ड को चार माह बाद भी बंद नहीं किए जाने पर मरीज की बेटी ने जिला आयुष अधिकारी को शिकायत दी है। मरीज की बेटी रक्षा शर्मा ने शिकायत में कहा कि उसके पिता अनंत राम चार जनवरी को इलाज के लिए जिला आयुर्वेद अस्पताल में भर्ती हुए थे। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में आयुष्मान कार्ड लगाया था।
आठ जनवरी को उन्हें छुट्टी हो गई, लेकिन जो आयुष्मान कार्ड लगाया था, उसे बंद नहीं किया गया। अब मरीज का स्वास्थ्य अधिक खराब हो गया, जिसके चलते उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल करवाया गया है। रक्षा शर्मा ने बताया कि पीजीआई में चिकित्सकों ने मेरे पिता को गंभीर बीमारी की बात कर पैसों का इंतजाम करने को कहा। रक्षा ने कहा कि हमने डॉक्टरों को आयुष्मान कार्ड होने की बात कही, लेकिन जब इस कार्ड को वहां चलाया तो पता चला कि यह कार्ड आयुर्वेद अस्पताल सोलन में लगा हुआ है और आज तक बंद नहीं किया गया है।
आठ जनवरी को छुट्टी होने के बावजूद अस्पताल कर्मियों ने आयुष्मान कार्ड को बंद नहीं किया, जबकि जैसे ही मरीज का इलाज बंद होता है तो कार्ड को भी बंद कर दिया जाता है। रक्षा शर्मा ने जिला आयुर्वेद अधिकारी को दिए शिकायत पत्र में कहा कि मेरे पिता पीजीआई में जिंदगी व मौत से जूझ रहे हैं। ऐसे में आयुर्वेद अस्पताल में जिस कर्मी ने मेरे पिता के इलाज के बंद होने के बाद भी कार्ड को बंद नहीं किया गया, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि यदि मेरे पिता का पीजीआई में आयुष्मान कार्ड न होने से इलाज नहीं होता है, तो उसका जिम्मेदार डाटा ऑपरेटर व आयुर्वेद अस्पताल प्रशासन होगा।
इस संबंध में जिला आयुष अधिकारी डॉ. प्रवीण शर्मा ने कहा कि शिकायत मिली है, जिसके आधार पर जिला आयुर्वेद अस्पताल के इंजार्च को जांच के आदेश दे दिए हैं और जिसकी भी गलती होगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।