# कालूझिंडा में महिलाओं ने शराब की बोतलें सड़क पर तोड़ीं, टोल बैरियर और ठेका बंद कराया…

Women broke liquor bottles on the road, closed toll barriers and shops

लोगों का कहना है कि यह रास्ता उनके खेतों के जाने के लिए उन्होंने स्वयं बनाया है। विभाग को इस रास्ते पर अब टोल लगने का कोई अधिकार नहीं है। 

कालूझिंडा स्थित आबकारी एवं कराधान विभाग के टोल बैरियर और शराब के ठेके को लोगों ने जबरन बंद करा दिया। लोगों का कहना है कि यह रास्ता उनके खेतों के जाने के लिए उन्होंने स्वयं बनाया है। विभाग को इस रास्ते पर अब टोल लगने का कोई अधिकार नहीं है। गुस्साईं महिलाओं ने शराब ठेके से उठाकर बोतलें सड़क पर फेंककर तोड़ डालीं। लोगों के विरोध के चलते शराब के ठेकेदार ने ठेका बंद कर दिया, टोल बैरियर लगने से पहले ही बंद हो गया।मंधाला से कालूझिंडा होते हुए एक मार्ग पर लेही व कालका को निकलता है। आपदा में जब सब पुल टूट गए थे तो इस रास्ते का सबसे ज्यादा उपयोग हुआ।

इस मार्ग से हरियाणा की ओर से वाहन  आते हैं। आबकारी विभाग ने बरोटीवाला बद्दी में जो टोल का ठेका दिया हुआ है, उस ठेके में कालूझिंडा का यह मार्ग भी शामिल है। लेकिन यहां पर मधाला, सूरजपुर व कालूझिंडा पंचायत के लोग टोल बैरियर नहीं लगने देते। टोल बैरियर के ठेकेदार ने वीरवार को यहां पर एक बूथ बनाया था और शुक्रवार से यहां पर टोल शुरू करने की योजना थी। जिसकी भनक लोगों को लग गई। लोगों ने बूथ हो हटा दिया।  लोगों के विरोध को देखते हुए यहां टोल कर्मी पहले से नहीं आए। एएसपी अशोक वर्मा ने बताया कि लोगों की ओर से ठेके में तोड़फोड़ करने व टोल बैरियर हटाने पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। इसकी छानबीन की जा रही है।

पांच दिन पहले ही खुला था ठेका
टोल बैरियर हटाने आए लोगों ने साथ लगते शराब के ठेके को भी बंद कर दिया। टोल बैरियर के साथ ही पांच दिन पहले शराब का ठेका खुला था। ठेका व टोल बैरियर हटाने वाले लोगों ने बताया कि उन्हें अपने प्रयासों से अपने खेत में जाने के लिए संपर्क मार्ग बनाए हैं। उन्हें सरकार की ओर से सड़क का कोई मुआवजा नहीं मिला है। यह सड़क लोगों की उपजाऊ जमीन से निकलती है। टोल बैरियर लगने से लोग अपने खेत में भी नहीं आ पाएंगे। यहां पर इससे पहले टोल बैरियर के ठेकेदार ने मधाला, कालूझिंडा व सूरजपुर के लोगों को छूट दी थी और उसके बदले में यहां के लोग बड़े वाहनों के यहां से जाने नहीं देते है, जिससे ठेकेदार को कोई नुकसान हो। महिलाओं को कहना है कि गांव के साथ शराब का ठेका होने से लोग नशेड़ी हो जाएंगे।

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