
लहसुन के लिए मशहूर सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र में आजकल इसकी खोदाई जोरों पर है। यहां लहसुन की फसल बड़े पैमाने पर उगाई जाती है।
सिरमौर का लहसुन प्रदेश समेत देश की मंडियों में अपनी धमक दिखाने के लिए तैयार है। शुरुआती समय में ही किसानों को सिरमौर लहसुन के मुंहमांगे दाम मिलने शुरू हो गए हैं। ऐसा लंबे समय के बाद हो रहा है कि किसानों को शुरुआत में ही लहसुन के अच्छे दाम मिल रहे हैं। लहसुन के लिए मशहूर सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र में आजकल इसकी खोदाई जोरों पर है। यहां लहसुन की फसल बड़े पैमाने पर उगाई जाती है। गिरिपार क्षेत्र के ऊपरी इलाकों में करीब 600 हेक्टेयर भूमि पर करीब 20 हजार मैट्रिक टन लहसुन का उत्पादन होता है। इस साल लहसुन की फसल में 40 से 45 फीसदी की कमी आई है।
उत्पादन में कमी का कारण लहसुन की फसल के वाइड रोग की बीमारी की चपेट में आना रहा। इस बीमारी के कारण किसानों को नुकसान झेलना पड़ा। कई क्षेत्रों में 40 फीसदी तक फसल इस रोग की चपेट में आने से खराब हो गई। शेष कसर कम बारिश ने पूरी कर दी। इससे लहसुन का उत्पादन काफी कम हुआ। इस कारण किसानों की लहसुन फसल मुंह मांगे दामों पर बिक रही है। मंडियों में यहां के किसानों का लहसुन 150 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जा रहा है।
इतनी राशि आज तक किसानों को नहीं मिली। यहां तक कि छोटा लहसुन भी 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है।स्थानीय आढ़ती रविंद्र चौहान, जेपी पुंडीर ने बताया कि लहसुन बाजार में पहुंचना शुरू हो गया है। इस वर्ष किसानों को काफी अच्छा भाव मिल रहा है। सोलन के मशहूर आढ़ती पदम सिंह पुंडीर ने बताया कि सिरमौर का लहसुन इस वर्ष 100, 120, 150 170 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जा रहा है। शुरुआती दौर में जैसे दाम किसानों को मिल रहे हैं, वैसे आज तक नहीं रहे। उन्होंने कहा कि यहां के लहसुन की मांग गुजरात बुडगा पट्टी तक है।