
हिमाचल प्रदेश में मंडी-कांगड़ा की सीमा पर स्थित मुत्थान में हुई तबाही के बाद अब हैदराबाद से भी पावर प्रोजेक्ट के विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है।
मंडी-कांगड़ा की सीमा पर स्थित मुत्थान को सुरक्षित बचाने के लिए अब हैदराबाद से भी पावर प्रोजेक्ट के विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है। इसी सप्ताह टीम प्रोजेक्ट का दौरा कर मुल्थान को पैदा हुए खतरे को लेकर जांच करेगी। इसके अलावा हादसे के कारणों का भी पता लगाया जाएगा। वहीं, जम्मू-कश्मीर के जोजिला प्रोजेक्ट की टीम ने मौके का निरीक्षण किया और पांच घंटे तक जांच की।
प्रोजेक्ट से जुड़े टनल, पेन स्टॉक विशेषज्ञ और भूगर्भ वैज्ञानिक दौरा कर तथ्य जुटाएंगे। अभी तक की जांच में कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है। ऊर्जा विभाग की टीम भी दौरा कर चुकी है। हालांकि अलग-अलग विशेषज्ञ अपनी रिपोर्ट पेश कर बाजार को सुरक्षित करने के उपाय बताएंगे। उधर, लंबाडग 25 मेगावाट जल विद्युत परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर देवी सिंह चौहान ने बताया कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कंपनी प्रबंधन जांच कर रहा है। हैदराबाद से भी टीम बुलाई जा रही है।
सड़क को बहाल करने में लग सकते हैं 48 घंटे
मुल्थान बाजार में सैकड़ों टन मलबा फैला हुआ है। मंगलवार सुबह से देर शाम तक मलबा हटाने का कार्य जारी रहा, लेकिन अभी तक करीब 200 मीटर सड़क ही बहाल हो सकी है। शेष 300 मीटर सड़क की बहाली के लिए दो दिन यानी 48 घंटे लग सकते हैं। तहसीलदार मुल्थान डाॅ. वरूण गुलाटी ने बताया कि गुरुवार देर शाम तक कोठीकोहड़ और बड़ा गांव के लिए सड़क बहाल करने का लक्ष्य रखा है। प्रशासन की देखरेख में सड़क पर गिरे मलबे और पत्थर हटाने का कार्य प्रगति पर है।विज्ञापन
खुल रहे दुकानों के शटर, तबाही का दिख रहा मंजर
मुल्थान बाजार में मलबे और पत्थर के ढेरों के हटने के बाद प्रभावित कारोबारियों की दुकानों के शटर व दरवाजे खुल रहे हैं। इसके बाद नुकसान की भयानक तस्वीरें भी सामने आ रही हैं। कपड़ा, मनियारी, किराना विक्रेताओं की जीवनभर की पूंजी भी मलबे के ढेरों में तबदील हो गई है। इसे देखकर प्रभावितों की आंखें नम हो रही हैं। उधर, स्थानीय तहसीलदार डॉ. वरूण गुलाटी ने बताया कि कुल 71 प्रभावित परिवारों को नुकसान पहुंचा है जिन्हें जल्द आर्थिक सहायता प्रदान करवाने के प्रयास जारी हैं।